Delhi High Court’s decision Ashneer Grover: BharatPe के पूर्व प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर को दिल्ली हाईकोर्ट ने एक बड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने अश्नीर ग्रोवर को 48 घंटे के भीतर फिनटेक कंपनी BharatPe और एसबीआई चेयरमैन के खिलाफ अपना ट्वीट को हटाने का निर्देश दिया है।
उक्त ट्वीट के बारे में कहा गया है, यह ट्वीट BharatPe की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके साथ ही SBI अध्यक्ष पर उनका ट्वीट “पूरी तरह से टाला जाना योग्य था”
दरअसल BharatPe के पूर्व प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर ने हाल में इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट की एसबीआई को तल्ख टिप्पणी के बाद 12 मार्च 2024 एक ट्वीट में कहा था कि, एसबीआई के चेयरमैन छोटे लोग हैं। उनकी सोच में एक बड़ी समस्या है, मैंने ये झेला है।
यह ट्वीट और कुछ नही पूर्व प्रबंध निदेशक अश्नीर ग्रोवर की भड़ास थी जो उनके पूर्व में एसबीआई के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ किया गया था।
अदालत ने भी यही टिपण्णी कि ट्वीट कुछ और नहीं बल्कि BharatPe के अध्यक्ष, जो एसबीआई के पूर्व अध्यक्ष है, को लेकर प्रेरित है।
अब इस पुरे मामले को लेकर कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा,
“अश्नीर ग्रोवर भारतपे की प्रतिष्ठा को नुकसान नहीं पहुंचा सकते और SBI अध्यक्ष पर उनका ट्वीट “पूरी तरह से टाला जाना योग्य था।”
इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में भारत पे के पूर्व निर्देशक को आदेश के 48 घंटे के अंदर उक्त टिप्पणी को सोशल मीडिया से हटाने का निर्देश जारी किया है।
क्या है, विवाद
रजनीश कुमार करीब 4 दशकों तक देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई से जुड़े रहे और उनको अक्टूबर 2021 में BharatPe का चेयरमैन बनाया गया था। इस दौरान अशनीर ग्रोवर (Delhi High Court’s decision Ashneer Grover) BharatPe के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से हटाया गया था, इस बीच दोनों के बीच काफ़ी विवाद हुए थे। इस दौरान अशनीर ग्रोवर ने रजनीश कुमार ( एसबीआई के पूर्व अध्यक्ष) के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाया था।
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आरबीआई से जांच की मांग
अश्नीर ग्रोवर ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को एक पत्र लिखकर नियामक से भारतपे की शेयरधारिता की जांच शुरू करने के लिए कहा था, एक पत्र के माध्यम से अश्नीर ग्रोवर ने कहा कि BharatPe ने भाविक कोलाडिया को कंपनी में वापस लाकर जानबूझकर केंद्रीय बैंक को धोखा दिया है, कंपनी के इस कथित धोखे को लेकर जांच की मांग की थी।