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‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर कोविंद कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर कोविंद कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

  • कोविंद कमेटी ने राष्ट्रपति को सौंपी अपनी रिपोर्ट
  • 'एक देश, एक चुनाव'को लेकर सामने आई कई बातें
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One Nation One Election Kovind Committee To President: एक बार फिर भारत में ‘एक देश, एक चुनाव’ का विषय सुर्ख़ियो में है। वजह ये है कि इस संबंध में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है।

सामने आ रही जानकारियों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में समिति ने देश भर में एक साथ चुनाव करवाने के मुद्दे पर समर्थन व्यक्त किया है। यह भी कहा जा रहा है कि समिति में शामिल सभी सदस्यों ने सर्वसम्मत से यह राय दी है।

One Nation One Election

आपको बता दें 2 सितंबर 2023 को ‘एक देश एक चुनाव’ के विषय को लेकर एक समिति का गठन किया गया। इस समिति में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द भी बतौर अध्यक्ष शामिल रहे। समिति के अन्य सदस्यों की बात करें तो इसमें गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन के सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे का नाम शामिल रहा।

कोविंद समिति के बारे में

कोविन्द समिति को देश में अविश्वास प्रस्ताव, दलबदल या त्रिशंकु सदन जैसी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक साथ चुनाव करवाए जा सकने से संबंधित संभावनाओं का आँकलन करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके साथ ही राष्ट्र, राज्य, और पंचायत स्तर पर चुनावों के लिए एकल वैध मतदाता सूची और पहचान पत्र की दिशा में भी सुझाव साझा करने की बात कही गई थी।

और अब आखिरकार, 14 मार्च 2024 को इस समिति ने आखिरकार अपनी रिपोर्ट भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है।

यह रिपोर्ट 8,626 पेजों की बताई जा रही है। इसे तैयार करने में समिति को लगभग 191 दिन लगे। इस संबंध में कमेटी की ओर से तमाम विशेषज्ञों आदि के साथ भी चर्चा की गई।

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राष्ट्रपति भवन में सौंपी गई यह रेपोइरत देश में लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर बनाई जा रही एकल नीति के विषय में है। इसमें इन चुनावों के लिए साझा मतदाता सूची तैयार करने की बात कही गई है।

वर्तमान स्थिति की बात की जाए तो फिलहाल देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए अलग मतदाता सूची तैयार की जाती है। इतना ही नहीं बल्कि स्थानीय नगर निकायों व पंचायतों के चुनाव की जिम्मेदारी संभालने वाले राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा मतदाता सूची जारी की जाती हैं।

मीडिया में सामने आ रही ख़बरों के अनुसार, इस रिपोर्ट के पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनावों की बात की गई है। इसके बाद दूसरे चरण का भी जिक्र है। इसमें नगर पालिकाओं और पंचायतों को लोकसभा-विधानसभा के साथ कुछ शर्तों के तहत जोड़ने की चर्चा है। जैसे निकायों के चुनावों को लोकसभा और विधानसभा चुनाव के 100 दिनों के अंदर करवा सकने जैसी बातों का कथित उल्लेख है।

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क्या है सुझाव

ख़बरों के अनुसार, इस रिपोर्ट में समिति ने एक देश-एक चुनाव का समर्थन करते हुए कुछ लाभ भी गिनाए हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं –

– पैसों की बर्बादी को रोक सकना

– बार-बार चुनाव कराने की दिक्कत से बचना

– सरकारी संसाधनों व समय को अन्य चीजों में निवेश कर सकना

– कालेधन और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में मददगार होना

बताया यह भी जा रहा है कि रिपोर्ट लोकसभा, विधान सभाओं व पंचायतों और नगर पालिकाओं में चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 324A की शुरुआत के पक्ष में बात करती है। इसके अलावा एकल मतदाता सूची व फोटो पहचान पत्र के लिए अनुच्छेद 325 में बदलाव भी संभावित है।

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