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PG छात्रों को मेडिकल कॉलेज नहीं कर सकते हॉस्टल में रहने पर मजबूर: NMC

PG छात्रों को मेडिकल कॉलेज नहीं कर सकते हॉस्टल में रहने पर मजबूर: NMC

  • मेडिकल कॉलेज स्नातकोत्तर छात्रों को हॉस्टल में रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकते.
  • निजी मेडिकल कालेजों को भी विद्यार्थियों को भत्ता प्रदान करने वाले नियम लागू.
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NMC’s warning to medical colleges: मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने शुक्रवार को मेडिकल कॉलेजों के लिए एक नोटिस जारी किया है।

दरअसल राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को छात्रों से शिकायत प्राप्त हो रही थी, कि कुछ मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधकों के द्वारा उन्हे कॉलेजों और संस्थानों द्वारा प्रस्तावित छात्रावास में रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है और इसके लिए छात्रों से मोटी रकम वसूली जा रही है।

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने एक नोटिस जारी करते हुए मेडिकल कॉलेजों को हिदायत देते हुए कहा मेडिकल कॉलेज स्नातकोत्तर छात्रों को हॉस्टल में रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं साथ ही आयोग ने अपनी बात में आगे कहा छात्रों को हॉस्टल उपलब्ध कराना अनिवार्य है, लेकिन कॉलेज छात्रों को हॉस्टल में रहने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है।

नोटिस में नियमों के जिक्र करते हुए NMC ने कहा,

“पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन (पीजीएमईआर), 2023 के विनियमन 5.6 के अनुसार, “कॉलेज के लिए पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों को उचित आवासीय आवास प्रदान करना अनिवार्य होगा। हालांकि, स्नातकोत्तर छात्रों को छात्रावासों में रहने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। ”

NMC’s warning to medical colleges

यह उनकी इच्छा में निर्भर करता है कि वह हॉस्टल में रहे या फिर किसी और जगह में यदि कोई मेडिकल कॉलेज इस आदेश का पालन नहीं करता पाया जाता उसके खिलाफ़ आयोग नियम के मुताबिक आवश्यक कार्रवाई करेगा। आयोग ने अपने नोटिस में चेतावनी जारी करते हुए कहा सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को उपर्युक्त विनियमन का संज्ञान लेने के लिए निर्देशित किया जाता है, ऐसा न करने पर NMC PGMER, 2023 के विनियम 9.1 और 9.2 के अनुसार कार्रवाई कर सकता है जिसमें आर्थिक दंड, सीटों में कटौती, प्रवेश रोकना आदि शामिल है।

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गौरतलब है, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की ओर से पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) मेडिकल पाठ्यक्रम के संदर्भ में नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। विद्यार्थियों को तनाव और आत्महत्या से बचाने के लिए अवकाश का प्रावधान किया गया है। साथ ही इन नियमों में  विद्यार्थियों पर आर्थिक बोझ को कम करने के लिए सरकारी कालेजों के अनुसार निजी कालेजों को भी विद्यार्थियों को भत्ता प्रदान करने वाले नियम लागू किया है।

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