Special brick for Ayodhya Mosque: अयोध्या में राम मंदिर की धूम पूरे विश्व भर में देखी गई जहां, देश विदेश के लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पीछे सबसे बड़ा कारण कोर्ट का एक निर्णय था , जिसने असंख्य लोगों की भक्ति के प्रतिसाद में अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का फैसला सुनाया था इसके साथ – साथ अयोध्या में सांप्रदायिक सौहार्द के साथ 5 एकड़ जमीन में मस्जिद निर्माण के आदेश भी सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे।
मंदिर निर्माण के बाद राम की नगरी अयोध्या में मस्जिद निर्माण की प्रकिया भी चालू होने जा रही है, रिपोर्ट के अनुसार मस्जिद न सिर्फ आर्किटेक्चर की दृष्टि से अद्भुत होगी, बल्कि साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल कायम करेगी। ईद के बाद इसका निर्माण शुरू होगा। निर्माण से पूर्व पवित्र काली मिट्टी की एक ईंट अयोध्या पहुंचाई जाएगी। इस काली मिट्टी से निर्मित पवित्र ईंट पर सोने से कुरान की ‘आयतें’ लिखी गई हैं। इसे मस्जिद की नींव रखने में इस्तेमाल किया जाएगा।
मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह अयोध्या मस्जिद का होगा नाम
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में अयोध्या में बनने वाली नई मस्जिद का नाम ‘मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह’ होगा। मुहम्मद बिन अब्दुल्ला, पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पिता का नाम है उन्ही के नाम में मस्ज़िद का नाम रखा गया है। इस मस्जिद के निर्माण कार्य की शुरुआत अप्रैल से होने की संभावना है, यह अयोध्या के धनीपुर क्षेत्र में 5 एकड़ रकवे में निर्मित की जायेगी।
इस मस्जिद के निर्माण से पूर्व पड़ने वाली नीव को लेकर विशेष ख्याल रखा गया है, इसमें पहली ईट जो नीव में रखी जाएगी उसके निर्माण को लेकर मस्जिद विकास समिति के प्रमुख और इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) के सदस्य हाजी अराफात शेख ने बताया कि, हम महाराष्ट्र से ताजी पकी हुई ईंट मक्का लेकर गए। वहां उस ईंट को ज़मज़म के पानी से ‘गुस्ल’ (पूर्ण स्नान) दिया।
Special brick for Ayodhya Mosque
उन्होंने आगे कहा कि हम ईंट को मदीना शरीफ भी ले गए और इसे इत्र के साथ एक और ‘गुस्ल’ दिया। 2 फरवरी को ये खास ईंट को वापस महाराष्ट्र लाया गया। फिर इसे अजमेर शरीफ ले जाया जाएगा। इसी के बाद पवित्र ईंट को अयोध्या ले जाया जाएगा।
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गौरतलब हो, रमजान से पूर्व मस्जिद की नीव रखी जाएगी जिसमें इस्लाम धर्म के पीर मौजूद होंगे। अयोध्या से करीब 25 किमी दूर बनने वाली यह मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होगी। इसमें 21 फीट ऊंची और 36 फीट चौड़ी दुनिया की सबसे बड़ी कुरान भी रखी जाएगी, जो 18-18 फीट पर खुलेगी।