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दिल्ली-यूपी में कड़ाके की ठंड, फिर कश्मीर और लद्दाख ‘गर्म’ क्यों? जानें कारण!

दिल्ली-यूपी में कड़ाके की ठंड, फिर कश्मीर और लद्दाख ‘गर्म’ क्यों? जानें कारण!

  • उत्तर भारत के कई हिस्सों जैसे पंजाब, दिल्ली, यूपी आदि में सर्दी का सितम
  • लद्दाख और कश्मीर में मौसम का मिजाज शुष्क, पश्चिमी विक्षोभ की कमी
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Ladakh Kashmir Are Warm Than Delhi & Uttar Pradesh: इस बात से शायद सभी सहमत हों कि जनवरी में बीतें कुछ हफ़्तों से उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश और बिहार आदि में ठंड का सितम काफी बढ़ा है। इन राज्यों के कई क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। लेकिन आपको कैसा लगेगा अगर हम आपसे कहें कि इस कड़ाके की ठंड के मौसम में लद्दाख और कश्मीर इन राज्यों की तुलना में अधिक गर्म बने हुए हैं।

जी हाँ! यह सच है। दिल्ली व अन्य राज्यों की तुलना में कश्मीर और लद्दाख में इस बार सर्दी का कहर तुलनात्मक रूप से कम ही रहा है। और इसके पीछे एक दिलचस्प कारण भी है। तो आइए जानते हैं आखिर बर्फ से ढके रहने वाले ये दोनों राज्य, इतनी भीषण ठंड में भी गर्म क्यों बने हुए हैं?

Ladakh Kashmir Are Warm Than Delhi – Why?:

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश की कमी के चलते हिमालय क्षेत्र में मीठे पानी की उपलब्धता काफी प्रभावित हो सकती है। रिपोर्ट्स में कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में डीन रायहाना हबीब के हवाले से बताया गया कि सामान्यतः 21 दिसंबर से 29 जनवरी के बीच चिल्लई कलां में होने वाली बर्फबारी दक्षिण-पश्चिम मानसून शुरू होने से पहले क्षेत्र के लिए एक बेहद अहम मीठे पानी का स्रोत होती है।

लेकिन काफी समय तक सूखे जैसे हालातों के चलते, संबंधित क्षेत्र की नदियों आदि के जलस्तर में कमी आई है। इसके साथ ही दिसंबर महीने में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में लगभग 80% बारिश ही हुई, और जनवरी में भी मानों शुष्क हालात ही बने हुए हैं। इसके पीछे सर्दियों में सक्रिय रहने वाले पश्चिमी विक्षोभ में इस बार दर्ज की जा रही कमी को बड़ा कारण माना जा रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक, सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की गैर-मौजूदगी पिछले कुछ हफ्तो से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों जैसे यूपी, दिल्ली आदि में घने कोहरे के लिए भी जिम्मेदार है।

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मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो दिसंबर और जनवरी के बीच देश में दो पश्चिमी विक्षोभों का असर देखनें को मिला। लेकिन इनका गुजरात, उत्तरी महाराष्ट्र, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे क्षेत्रों तक ही सीमित रहा। यही वजह है कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में दिसंबर-जनवरी में होने वाली बारिश में व्यापक कमी दर्ज की गई। मोटे दौर पर मौसम के मौजूदा हालातों के लिए तीन मुख्य वजहें सामने आई हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं;

  • देश के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की कमी
  • अल-नीनो का प्रभाव
  • तेज जेट स्ट्रीम

क्या है पश्चिमी विक्षोभ?

आपको बता दें बार बार जिस पश्चिमी विक्षोभ का ज़िक्र हो रहा है, वह मौसम प्रणाली में भूमध्यसागरीय क्षेत्र से उत्पन्न होता है और जेट स्ट्रीम धाराओं के साथ उत्तर भारतीय इलाकों में प्रवेश करता है। अपने साथ लाई नमी के चलते यह सर्दियों के दौरान उत्तर भारत में होने वाली बारिश के लिए भी जिम्मेदार होता है।

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