promotion of Government Teachers Rule: दिल्ली सरकार के एक फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट ने गैरकानूनी करार दिया है। दिल्ली सरकार के पदोन्नति में महिला पुरुष के आधार में अलग अलग पदोन्नति सूची तैयार करने को गैरकानूनी बताया है।
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दरअसल दिल्ली सरकार ने राज्य में शिक्षकों के पदोन्नति सूची में महिला पुरुष के आधार में तय करके शिक्षकों को पदोन्नत किया जा रहा था,जिसे लेकर हाईकोर्ट ने सरकार के संबंधित फैसले को गैरकानूनी बताते हुए वरिष्ठता के आधार में ही पदोन्नति की बात कही है। जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए है, जिस शिक्षक की पहले नियुक्ति होगी प्रमोशन भी उसे ही मिलना चाहिए। इसमें महिला या पुरुष के आधार में कोई बदलाव नहीं होना चाहिए।
उक्त याचिका दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में कैट(केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण) के फैसले के खिलाफ़ दायर की थी। जिसमें कैट ने एक स्कूल शिक्षक की याचिका को मंजूर करते हुए सरकार के महिला पुरुष के आधार में अलग अलग पदोन्नति सूची तैयार करने को कानून के विरुद्ध बताया था।
promotion of Government Teachers Rule: दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव एवं न्यायमूर्ति ए के मेंदीरता की पीठ का फैसला
अब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी कैट (केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण) के फैसले में मुहर लगाते हुए कहा, दिल्ली राज्य सरकार को एक ही वरिष्ठता सूची तैयार करनी होगी, जिसमें नियुक्ति की तारीख के हिसाब से महिला हो या पुरुष जो भी वरिष्ठ हो इसी आधार में प्रमोशन दिए जाए।
दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव एवं न्यायमूर्ति ए के मेंदीरता की पीठ ने दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि पदोन्नति के लिए महिला पुरुष में भेदभाव कोई आधार नहीं है।
कानूनन नियुक्ति प्रक्रिया या पदोन्नति प्रकिया में कही भी ऐसा प्रावधान नहीं है कि महिला और पुरुष के लिए अलग अलग वरिष्ठता सूची तैयार की जाए।
गौरतलब है, पूरा मामला 2014 में एक वरिष्ठ शिक्षक की जगह अन्य किसी शिक्षक के पदोन्नति से जुड़ा है, जब एक शिक्षक ने कैट के समक्ष याचिका दायर करते हुए कहा था कि उन्होंने पहले नियुक्ति पाई लेकिन उनसे बाद नियुक्त शिक्षक को पदोन्नत कर दिया गया। जिसको लेकर सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था उक्त प्रमोशन का आधार महिला शिक्षक को अलग वरिष्ठता के आधार में पदोन्नति प्रदान की गई है।