संपादक, न्यूज़NORTH
World’s Largest Source Of Opium Is Now Myanmar: दुनिया के तमाम हिस्सों में बने मौजूदा हालातों के बीच ‘म्यांमार’ अब अफीम का सबसे बड़ा स्रोत (सोर्स) बनकर उभरा है। इस बात का दावा खुद संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट में किया गया है। यूएन के अनुसार, अफीम के प्रमुख स्त्रोत के तौर पर अफगानिस्तान को पीछे छोड़ते हुए ‘म्यांमार’ शीर्ष स्थान पर आ गया है।
मंगलवार (12 दिसंबर) को जारी की गई U.N. Office On Drugs & Crime (UNODC) रिपोर्ट की मानें तो तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद बने ‘घरेलू अस्थिरता’ जैसे माहौल के बीच वहाँ अफीम की खेती में गिरावट देखनें को मिली है। यही वजह है कि अब अफीम के लिए अधिकतर खरीदारों ने म्यांमार का रूख किया है।
Myanmar – The Largest Source Of Opium: बदले हालातों का नातीजा
साल 2022 में तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता ओर काबिज़ हुआ, जिसके बाद तालिबान ने नशीले पदार्थों पर सख्त प्रतिबंध लागू किए। यही वजह है कि अफगानिस्तान में अफीम की खेती में तुलनात्मक रूप से 95% तक की गिरावट आई है।
लेकिन इसी बीच 2021 में हुए तख्तापलट के कारण म्यांमार में भी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक अस्थिरता जैसे हालात बने। और क्योंकि अफगानिस्तान अफीम की खेती में आई भारी गिरावट के चलते वैश्विक आपूर्ति को पूरा करने में असमर्थ रहा, इसलिए वैश्विक आपूर्ति ‘म्यांमार’ की ओर स्थानांतरित हुई।
म्यांमार में भी किसानों ने इसे एक सुनहरे अवसर के रूप में लिया, और अफीम की बढ़ती माँग को देखते हुए, कई लोगों ने अफीम की खेती शुरू कर दी। मौजूदा हालात ये है कि म्यांमार के किसान अब अफीम पोस्त की खेती से लगभग 75% अधिक कमा रहे हैं। इसके फूल की औसत कीमतें लगभग $355 (~ ₹30,000) प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।
आलम ये है कि म्यांमार में इसकी खेती का क्षेत्र साल दर साल 18% की दर के साथ 40,100 हेक्टेयर से बढ़कर 47,000 हेक्टेयर हो गया है। इतना ही नहीं बल्कि अधिक बेहतर कृषि पद्धतियों के चलते उपज मेम भी 16% की बढ़त देखी जा रही है, जो अब 22.9 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक पहुँच गई है।
ऐसे में जाहिर है इसकी संभावित उपज में भी वृद्धि हुई है। UNODC की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में म्यांमार के भीतर अफीम की उत्पादकता 2001 के बाद से उच्चतम स्तर पर है। रिपोर्ट बताती है कि म्यांमार के उत्तरी शान राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में अफीम की खेती के क्षेत्र में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। इसके बाद लिस्ट में चिन और काचिन जैसे राज्य शामिल हैं।
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UNODC के क्षेत्रीय प्रतिनिधि जेरेमी डगलस ने म्यांमार को लेकर अपने बयान में कहा;
“फरवरी 2021 में हुए सैन्य अधिग्रहण (तख्तापलट) के बाद देश के सुरक्षा, शासन, आर्थिक हालातों में बनी अस्थिरता के कारण दूर-दराज के इलाकों में किसान आजीविका के लिए अफीम की खेती का रुख़ कर रहे हैं।”
लेकिन अफीम की खेती के विस्तार के साथ एक खतरा हमेशा रहता है, और वो है ‘अवैध अर्थव्यवस्था को बढ़ावा’ मिलने का! जाहिर है आने वाले समय में म्यांमार के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। इसके चलते वहाँ सिंथेटिक ड्रग उत्पादन और तस्करी के साथ-साथ मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर अन्य संगठित अपराधों में इजाफा होने की संभावना है।