Heart Attack Cases On The Rise, Get CPR Training people: केंद्र सरकार द्वारा कार्डियक अरेस्ट यानी दिल का दौरा पड़ने जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए सीपीआर (CPR) पद्धति परिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
मेडिकल साइंसेज (NBMS) द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी जन जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य हृदयाघात के संबंध में आम लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही सीपीआर पद्धति का प्रशिक्षण प्रदान करना है, सीपीआर पद्धति की जानकारी अधिक होने से हृदयघात से होने वाली मृत्यु की संख्या दर में कमी आ सकती है।
बुधवार (6 दिसंबर) को आयोजित प्रशिक्षण सत्र में 20 लाख से अधिक संख्या में लोगों ने भाग लिया। बता दे, यह देश का पहला सीपीआर जागरूकता कार्यक्रम था, जो राष्ट्रीय स्तर पर संचालित किया गया है। इस अभियान के दौरान छात्रों, पेशेवरों और पैरामेडिकल स्टाफ सहित प्रतिभागियों को ऑनलाइन माध्यम से एक ही बैठक में प्रशिक्षण दिया गया।
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प्रशिक्षण अभियान के शुभारंभ में सम्मिलित होने पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने हृदयाघात के संबंध में आम लोगों को प्रशिक्षण प्रदान करने की पहल की सराहना की साथ ही केंद्रीय मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा,
“यह महत्वपूर्ण है कि हम हृदय के बेहतरीन स्वास्थ्य को बनाए रखें और संतुलित आहार और व्यायाम को शामिल करते हुए स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाएं। हालांकि, हृदयाघात से पीड़ित मरीज के आसपास यदि कोई सीपीआर तकनीक में प्रशिक्षित व्यक्ति है, तो वह उसके जीवन को बचाने में सक्षम होगा। यह बहुत ही सराहनीय प्रयास है और मैं इसके लिए बधाई देता हूं।”
आपको बता दे, हृदयाघात के पीड़ित को तत्काल मदद की जरूरत होती है। ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि पर्याप्त ज्ञान और प्रशिक्षण के साथ जनता के बीच जागरूकता बढ़े, ताकि आकस्मिक घड़ी मे किसी की जान बचाने में सक्षम हो सकें।
Heart Attack Cases CPR Training: क्या होती है CPR (सीपीआर) पद्धति जिससे हार्ट अटैक मरीज को बचाया जा सकता है
सीपीआर (Heart Attack Cases CPR Training) दरअसल एक मेडिकल ट्रेनिंग है, जो हार्ट अटैक से पीड़ित व्यक्ति को दी जाती है. बेहोश व्यक्ति को सीपीआर दिया जाता है. इस तकनीक के तहत बंद पड़े हार्ट पर 1 मिनट में 100 से 120 बार प्रेशर देना होता है,ये प्रेशर करीब 5-6 सेंटीमीटर तक देना होता है। इस तकनीकी के माध्यम से कई दफा मरीज की जान बचाई जा सकती है।