संपादक, न्यूज़NORTH
Narayana Murthy ‘Must Work 3 Shift’ Remark: हाल में ही युवाओं को ‘हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह’ वाले अपने बयान के चलते काफी सुर्खियों में रहे आईटी दिग्गज इंफोसिस (Infosys) के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) का एक और बयान सामने आया है। अपने बयान में नारायण मूर्ति ने एक विशेष सेक्टर में ‘3 शिफ्ट’ में काम करने की सलाह दी।
असल में 29 नवंबर को बेंगलुरु में आयोजित एक ‘टेक समिट’ के दौरान Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ (Nikhil Kamath) के साथ बातचीत के दौरान मूर्ति ने यह बयान दिया। नारायण मूर्ति ने जोर देकर कहा इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी या ऐसे शहर जहाँ कंपनियों की संख्या बहुत अधिक है, वहाँ मेट्रो कार्य को पूरा करने व अन्य चीजों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
बातचीत के दौरान आगामी 5 से 10 सालों में बेंगलुरु के विकास की आवश्यकताओं पर चर्चा करते हुए, नारायण मूर्ति ने इंफ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्री को लेकर एक अहम मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि इस इंडस्ट्री में पारंपरिक एक-शिफ्ट से आगे बढ़ते हुए, 3 शिफ़्टों में काम करना चाहिए।
Narayana Murthy ‘Must Work 3 Shift’ Remark
उन्होंने कहा;
“सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की जरूरत है। इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों को सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक सिर्फ एक शिफ्ट में काम नहीं करना चाहिए।”
शायद यही वजह है कि उन्होंने एक के बजाय 3 शिफ्टों में काम की शुरुआत की सलाह दी। लेकिन इतना जरूर है कि नारायण मूर्ति के इस नए सुझाव ने एक बार फिर बहस छेड़ दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि कई देशों में कर्मचारी दो वर्क शिफ्टों में भी काम करते हैं और अगर भारत में भी ऐसे ही प्रणाली अपनाई जाती है तो हम चीन को भी पीछे छोड़ सकते हैं।
नेताओं को दी सलाह
नारायण मूर्ति ने भारतीय नेताओं को भी कुछ चीजों को लेकर सलाह दी। उन्होंने देश की युवा शक्ति को निखारने के लिए अधिक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल स्थापित करने से लेकर 3 शिफ़्टों में काम करने, बुनियादी ढांचों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने और सरकार द्वारा त्वरित निर्णय लिए जाने पर जोर दिया। मूर्ति के अनुसार, भारत के कुल सॉफ्टवेयर निर्यात में अकेले बेंगलुरु का योगदान ही लगभग 35-37 प्रतिशत का है।
कुछ भी मुफ्त नहीं दिया जाना चाहिए?
निखिल कामथ के साथ ‘फायरसाइड चैट’ के दौरान नारायण मूर्ति ने मुफ्त सेवाओं और सब्सिडी को लेकर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह मुफ्त सेवाओं के ख़िलाफ नहीं हैं, क्योंकि वह खुद एक समय गरीब पृष्ठभूमि से आते थे। लेकिन मूर्ति का मानना है सरकार की ओर से दी जाने वाली मुफ्त सेवाओं और सब्सिडी का लाभ उठाने वाले लोगों को समाज की भलाई के प्रति भी योगदान देने की आवश्यकता है, जिससे वह अपनी भावी पीढ़ी की जिम्मेदारी उठा सकें।
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इसको लेकर नारायण मूर्ति ने एक उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई कहता है कि वह आपको मुफ्त बिजली देगा, तो यह बहुत ही अच्छी बात है। लेकिन साथ में उन्हें यह भी कहना चाहिए कि अगर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति 20 फीसदी तक हो जाएगी, तब हम यह सुविधा मुहैया करवाएँगे।