मणिपुर हिंसा के बीच म्यांमार में छिड़ा युद्ध कैसे बढ़ा रहा भारत की टेंशन? जानें यहाँ!

  • म्यांमार में गृहयुद्ध की वजह से देश के भारतीय सीमावर्ती राज्य मिज़ोरम में 30,000 से अधिक म्यांमार नागरिकों ने ली शरण।
  • भारत सरकार की ओर से बयान "हम अपनी सीमा के नजदीक ऐसी घटनाओं से बेहद चिंतित हैं।"
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Myanmar War Increased Tension In India: भारत का पड़ोसी राज्य म्यांमार 2021 के बाद से ही बड़ी परेशानी से गुजर रहा है। म्यांमार में जनता की चुनी हुई सरकार का सेना ने तख्ता पलट कर दिया था, तब से ही देश में गृहयुद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है।

म्यांमार सेना के जनरल मिंग आंग हलिंग ने 2020 के आम चुनाव में आंग सांग सू ची की पार्टी की एकतरफा जीत के बाद, उन पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप लगाकर तख्तापलट के जरिए सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

इस घटना के दो साल बाद भी म्यांमार की सेना देश में सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, जहां विद्रोह का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। म्यांमार सेना के खिलाफ़ विरोधी गुटों द्वारा सशस्त्र प्रदर्शन किया जा रहे हैं, सेना के विरोध प्रदर्शन में विरोधी गुटों ने कई इलाकों में सेना के टैंक हथियारों पर कब्जा कर लिया हैं।

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लेकिन म्यांमार में सेना और विरोधी गुटों के बीच गृहयुद्ध की स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय बन गई है। पहले ही अपने एक उत्तर पूर्वी राज्य – मणिपुर में हिंसकि विरोध प्रदर्शन आदि के चलते परेशानियों का सामना कर रहे भारत के सामने अब नई चुनौती आकर खड़ी हो गई है। आइए समझते हैं कैसे?

म्यांमार गृहयुद्ध 6000 से अधिक लोगो के मारे जाने की खबर

दरअसल म्यांमार में सेना विद्रोह को दबाने के लिए सशस्त्र बल का प्रयोग कर रही है, जिसमें मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आम लोगों के ऊपर फायरिंग और हवाई हमलों के दौरान  6000 से अधिक नागरिकों के मारे जाने की खबर हैं इस स्थिति में म्यांमार के आम नागरिक और विद्रोही गुट के लोग देश की सीमा से लगे अन्य देशों की ओर शरणार्थी बनकर प्रवेश करने लगे हैं।

Myanmar War Increased Tension In India: 31,364 लोगों ने अकेले मिज़ोरम में ली शरण

म्यांमार में गृहयुद्ध ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। मीडिया रिपोर्ट में छपी जानकारी के अनुसार बीते कुछ दिनों में म्यांमार से लगा भारतीय राज्य मिजोरम में शरणार्थी के रूप में 2000 से अधिक नागरिकों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए प्रवेश किया है।

एक रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार में सेना के शासन के बाद से अब तक सीमावर्ती राज्य मिजोरम में म्यांमार के 31,364 नागरिक राज्य के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं, उनमें से अधिकांश राहत शिविरों में रहते हैं। जबकि अन्य को उनके स्थानीय रिश्तेदारों ने ठहराया है और कुछ किराए के मकानों में रह रहे हैं।

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इस घटना को लेकर भारत सरकार चिंता जता चुकी है। भारत सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया,

“हम अपनी सीमा के नजदीक ऐसी घटनाओं से बेहद चिंतित हैं। म्यांमार में मौजूदा स्थिति पर हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है।”

बता दे, भारत के मिज़ोरम प्रांत और म्यांमार के चिन प्रांत के बीच 510 किलोमीटर लंबी सीमा है, दोनों तरफ़ के लोग आसानी से इधर-उधर जा सकते हैं। दोनों ही तरफ़ 25 किलोमीटर तक जाने पर पाबंदी नहीं है।

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