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चिकनगुनिया वायरस के ख़िलाफ दुनिया की पहली वैक्सीन को मिली मंजूरी

चिकनगुनिया वायरस के ख़िलाफ दुनिया की पहली वैक्सीन को मिली मंजूरी

  • मच्छरों से होने वाली बीमारी चिकनगुनिया के ख़िलाफ पहली वैक्सीन बन गई है।
  • चिकनगुनिया वायरस की वैक्सीन Ixchiq, 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को दी जाएगी।
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First Vaccine For Chikungunya Virus – Ixchiq: एक रिपोर्ट में दर्ज आंकड़ों के अनुसार दुनिया में हर साल मच्छरों के काटे जाने से लगभग 7.5 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ जाता है। दुनिया में मच्‍छरों की 3500 से अध‍िक प्रजातियां पाई जाती हैं और इन मच्छरों के काटे जाने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जीका वायरस जैसी बीमारियों से लाखों लोगों की जान हर साल चली जाती हैं।

इन बीमारियों से लोगों की जान बचाने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक रिसर्च में लगें हुए है, अब ऐसी ही एक वैज्ञानिकों की टीम ने चिकनगुनिया वायरस से बचाव के लिए टीके की खोज कर ली हैं।

दरअसल अमेरिकी हेल्थ अथॉरिटी ने गुरुवार को चिकनगुनिया के लिए दुनिया के पहले टीके को मंजूरी दे दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूरोप के वलनेवा (Valneva)  कंपनी द्वारा विकसित वैक्सीन इक्स्चिक (Ixchiq),  दुनियाभर में हर साल होने वाले चिकनगुनिया के जोखिमों को कम करने में मददगार हो सकती है, ऐसे में अब अमेरिकी दवा नियामक द्वारा इक्स्चिक वैक्सीन को हरी झंडी मिल चुकी है।

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चिकनगुनिया वायरस की वैक्सीन Ixchiq को 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों को दी जाएगी, जिन्हें चिकनगुनिया वायरस के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है।

क्या है, चिकनगुनिया वायरस?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वेबसाइट की जानकारी के अनुसार चिकनगुनिया एक मच्छर जनित वायरल बीमारी है जो चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) के कारण होती है, जो टोगाविरिडे परिवार के अल्फावायरस जीनस में एक आरएनए वायरस होता है। डेंगू और जीका के लक्षण चिकनगुनिया के समान होते हैं, जिससे चिकनगुनिया का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

Chikungunya Vaccine – Ixchiq

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CHIKV रोग की शुरुआत आमतौर पर संक्रमित मच्छर के काटने के 4-8 दिन (सीमा 2-12 दिन) के बाद होती है। इसमें बुखार की अचानक शुरुआत होती है, जिसके साथ अक्सर गंभीर जोड़ों का दर्द होता है। जोड़ों का दर्द अक्सर दुर्बल करने वाला होता है और आमतौर पर कुछ दिनों तक रहता है, लेकिन लंबे समय तक भी रह सकता है, हफ्तों, महीनों या वर्षों तक भी बना रह सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, 2005 से 2022 तक पूरे विश्व में चिकनगुनिया के 2 मिलियन से अधिक मामले सामने आए हैं। चिकनगुनिया रोग अब एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरिका सहित 110 से अधिक देशों में अपने पांव पसार चुका है।

3500 लोगों में किया गया टीके का परीक्षण

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Ixchiq टीके में चिकनगुनिया वायरस का एक जीवित लेकिन कमजोर संस्करण होता है। इस वैक्सीन के ट्रायल में उत्तरी अमेरिका में 3,500 लोगों पर दो क्लिनिकल परीक्षण किए गए। जिसमें सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, बुखार और मतली जैसे साइड इफैक्ट भी देखे गए। टेस्ट में Ixchiq वैक्सीन लेने वालों में से 1.6 फीसदी में गंभीर प्रतिक्रिया दर्ज की गई, जिनमें से दो को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी।

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