UP Govt Allocates ₹1000 Cr Startup Fund: उत्तर प्रदेश सरकार ने नवीन व्यावसायिक उद्यमियों को समर्थन और स्टार्टअप इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए ‘यूपी स्टार्टअप फंड’ के लिए ₹1000 करोड़ का बजट आवंटित किया है। योगी आदित्यनाथ सरकार का यह फैसला प्रदेश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को और मजबूत करने के लिए और उभरते व्यवसायों को समर्थन देने के की प्रतिबद्धता दर्शाता है।
देश में कुल 108 यूनिकॉर्न स्टार्टअप में से आठ यूपी में हैं – पेटीएम, पेटीएम मॉल, इंडिया मार्ट, मोग्लिक्स, पाइन लैब्स, इनोवाकर, इन्फोएज और फिजिक्स वाला जैसी यूनिकॉर्न कंपनियाँ उत्तर प्रदेश में मौजूद है।
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यूनिकॉर्न 1 बिलियन डॉलर से अधिक की वैल्यू के साथ किसी स्टार्टअप कंपनी का वर्णन करने के लिए वेंचर कैपिटल इंडस्ट्री में प्रयोग में लाया जाने वाला एक शब्द है। राज्य सरकार ने स्टार्टअप्स को फंड देने के लिए 60 से अधिक इनक्यूबेटरों का एक नेटवर्क भी बनाया है।
UP Govt Startup Fund
राज्य के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा,
“आर्टिफिशियलआईइंटेलिजेंस (एआई), ड्रोन, मेड-टेक, ब्लॉकचेन, 5जी, 6जी, क्वांटम कंप्यूटिंग, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, स्पेस टेक आदि जैसे उन्नत क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।”
इसके अलावा, राज्य सूनीकॉर्न और मिनीकॉर्न को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है। बता दे, सूनीकॉर्न वे स्टार्टअप होते हैं, जिनमें निकट भविष्य में यूनिकॉर्न बनने की क्षमता है। वर्तमान में, राज्य में दो सूनिकॉर्न स्टार्टअप काम कर रहे हैं, उनके नाम क्लास प्लस और इनशॉर्ट्स हैं। राज्य के स्टार्टअप इको- सिस्टम में ‘मिनीकॉर्न’ भी शामिल हैं। यह सरकार के नीतिगत ढांचे के तहत फल-फूल रहे उद्यमों की विविध श्रृंखला को दर्शाता है।
KPMG की एक रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तरप्रदेश देश में चौथा सबसे बेहतर और बड़ा स्टार्टअप ईको -सिस्टम प्रदान करने वाला राज्य है। राज्य में मौजूद सभी 75 ज़िले में स्टार्टअप मौजूद है। इन स्टार्टअप का 49% भाग राज्य के टियर 2 और टियर 3 शहरों में उभर रहा है। राज्य में मौजूद स्टार्टअप नीति के तहत 100,000 से अधिक राज्य में रोजगार के अवसर पैदा किए गए हैं।
छात्रों के नए विचारों के लिए भी करेगा काम
उत्तरप्रदेश सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद ने छात्रों के नवीन विचारों की पहचान करने और चयनित स्टार्टअप विचारों में प्रारंभिक पूंजी प्रदान करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। जिसके तहत राज्य के विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों के लिए लोन की व्यवस्था सरकार करती है।
सरकार छात्रों के पसंद आने वाले विचारों के लिए मासिक 20 से 30 हजार रुपयों की राशि प्रदान करती है। हाल ही में सीएसटी ने 109 शोध प्रस्तावों में 14 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की।