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भारत में विपक्षी नेताओं का दावा, Apple से मिला अलर्ट, सरकार कर रही फोन हैक करने का प्रयास

भारत में विपक्षी नेताओं का दावा, Apple से मिला अलर्ट, सरकार कर रही फोन हैक करने का प्रयास

  • भारत में विपक्षी नेताओं का दावा, Apple की ओर से मिली 'राज्य-प्रायोजित साइबर हमलों" की चेतावनी
  • अलर्ट मैसेज प्राप्त करने वाले नेताओं में महुआ मोइत्रा, प्रियंका चतुर्वेदी, राघव चड्ढा, शशि थरूर, अखिलेश यादव समेत कई दिग्गज नाम शामिल
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Opposition Leaders Claim Hacking Attempt, Apple Sends Alert: भारत में आज टेक दिग्गज (Apple) कुछ अलग वजहों के चलते सुर्खियों में है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि मामला बिजनेस या टेक्नोलॉजी से नहीं बल्कि देश की राजनीति से जुड़ा हुआ है।

जी हाँ! मंगलवार को भारत के विपक्षी दलों के कुछ बड़े नेताओं और सरकार से तीखे सवाल करने वाले कुछ पत्रकारों ने यह दावा किया कि उन्हें Apple की ओर से एक अलर्ट नोटिफिकेशन और ईमेल प्राप्त हुआ है, जिसमें कहा गया है कि उनके आईफोन्स (iPhones) को “राज्य-प्रायोजित साइबर हमलावरों” (State-Sponsored Attackers) की तरफ से निशाना बनाया जा रहा है।

यह अलर्ट नोटिस प्राप्त करने वाले कई विपक्षी नेताओं ने Apple की ओर से भेजे गए इस अलर्ट मैसेज व ईमेल के स्क्रीनशॉट भी ट्विटर पर साझा किए। विपक्षी नेताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार उनके फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश कर रही है। दिलचस्प रूप से आईफोन निर्माता कंपनी की ओर से इन चुनिंदा लोगों को भेजे गए इस अलर्ट मैसेज में यह भी लिखा था कि वह इस मामले को गंभीरता से लें।

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Apple Sends Alert To Opposition Leaders: किन-किन लोगों को मिला मैसेज

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक महुआ मोइत्रा (तृणमूल कांग्रेस सांसद), प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना यूबीटी सांसद), राघव चड्ढा (आप सांसद), शशि थरूर (कांग्रेस सांसद), असदुद्दीन ओवैसी (एआईएमआईएम सांसद), सीताराम येचुरी (सीपीआई-एम महासचिव और पूर्व सांसद), पवन खेड़ा (कांग्रेस प्रवक्ता), अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष) जैसे विपक्षी नेताओं को Apple की ओर से यह मैसेज मिला चुका है।

इसके अलावा सिद्धार्थ वरदराजन (संस्थापक संपादक, द वायर), श्रीराम कर्री (निवासी संपादक, डेक्कन क्रॉनिकल), और समीर सरन (अध्यक्ष, ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन) द्वारा भी Apple की ओर से ऐसा ही अलर्ट मैसेज प्राप्त किए जाने की खबर सामने आई है।

इतना ही नहीं बल्कि इसको लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने भी बताया कि उनके कार्यालय में काम करने वाले कुछ लोगों को भी कंपनी की ओर से ऐसा ही ईमेल प्राप्त हुआ है। साथ ही उन्होंने इस मसले पर सरकार को भी घेरा और सवाल उठाए कि भला विपक्ष व सरकार की आलोचना करने वालों को ही ऐसा अलर्ट मैसेज क्यों मिला?

Apple Alert Message To Opposition Leaders:

राहुल गाँधी समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने एप्पल की ओर से भेजे गए मैसेज का भी खुलासा किया। अपने इस मैसेज में कंपनी ने लिखा;

“चेतावनी: राज्य-प्रायोजित साइबर हमलावर आपके iPhone को निशाना बना सकते हैं।”

“एप्पल का ऐसा मानना है कि राज्य-प्रायोजित साइबर हमलावर आपको निशाना बना रहे हैं, जो आपकी ऐपल आईडी से जुड़े आईफोन को रिमोटली हैक करने की कोशिश कर रहे हैं। आप कौन हैं या आप क्या करते हैं, संभवतः इसके आधार पर आपको व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया जा रहा है। राज्य-प्रायोजित हमलावर आपके फोन के संवेदनशील डेटा, बातचीत यहाँ तक कि कैमरा या माइक्रोफोन का भी एक्सेस प्राप्त कर सकते हैं।”

“ऐसा भी हो सकता है कि यह एक फॉल्स (फर्जी) अलार्म हो, लेकिन इस चेतावनी को गंभीरता से लें।”

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मामले पर Apple ने क्या कहा?

विपक्ष के बड़े नेताओं द्वारा मामले को उठाने के बाद, अब एप्पल ने भी अपनी ओर से इस विषय पर एक आधिकारिक बयान जारी किया है। कंपनी का कहना है कि ऐसा अलर्ट क्यों भेजा गया, इसका कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताया जा सकता। कंपनी मामले की जाँच कर रही है, कि आखिर कैसे यह नोटिफिकेशन यूजर्स को भेजे गए?

कंपनी की मानें तो एप्पल साइबर हमले का आरोप किसी विशेष राज्य-प्रायोजित हमलावर पर नहीं लगाता है। इन हमलों को पहचाननें के लिए इंटेलिजेंस सिग्नल का इस्तेमाल होता है, जो कई बार अधूरे ही होते हैं। इसलिए यह संभव है कि एप्पल द्वारा भेजे गए कुछ अलर्ट या चेतावनी संबंधित नोटिफिकेशन फॉल्स (फर्जी) हों।

क्या ‘एल्गोरिदम की खराबी’ है कारण?

इन सब के बीच, इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से यह कहा गया है कि ऐसे अलर्ट मैसेज के पीछे “एल्गोरिदम की खराबी” भी एक वजह हो सकती है। हालाँकि इसको लेकर आधिकारिक रूप से सरकार शायद जल्द एक बयान जारी करे।

सरकार ने कहा, होगी जाँच

यह मामला सामने आने के बाद, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह बयान दिया है कि सरकार की ओर से इस मामले की व्यापक जाँच करवाई जाएगी, इसको लेकर आदेश भी दिए जा चुके हैं और अलर्ट मैसेज प्राप्त करने वाले लोगों से जाँच में सहयोग करने की अपील भी की गई है। दिलचस्प ये है कि अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, Apple ने लगभग 150 देशों में लोगों को ऐसे ही चेतावनी/एडवाइजरी संबंधित मैसेज/अलर्ट भेजे हैं।

उठ रहे कुछ सवाल

इस बीच, “एल्गोरिदम की खराबी” को संभावित वजह के रूप में पेश करने को लेकर, प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रतिक्रिया देते हुए, इसे एक “घटिया बहाना” करार दिया। असल में विपक्ष का कहना है कि अगर “एल्गोरिदम की खराबी” को भी कारण मान लिया जाए तो भला ये अलर्ट/चेतावनी सिर्फ विपक्ष के नेताओं के iPhones को लेकर ही क्यों आई, या फिर उन पत्रकारों को, जो सरकार की आलोचना व तीखें सवाल पूछने के लिए जाने जाते हैं? भला इतने बड़े भारतीय उपयोगकर्ता आधार वाले Apple ने किसी अन्य यूजर्स के फोन पर ऐसा अलर्ट मैसेज क्यों नहीं भेजा?

वर्तमान सरकार पर पहले भी विपक्ष लगा चुका है जासूसी के आरोप

यह पहली बार नहीं है कि केंद्र की मोदी सरकार के ऊपर विपक्ष ने खुले तौर पर नेताओं व पत्रकारों की जासूसी के आरोप लगाए हों। आपको शायद याद हो कि कुछ समय पहले इजराइल आधारित एक कंपनी का हैकिंग सॉफ्टवेयर पिगासस (Pegasus) भी इन्हीं तमाम कारणों के चलते सुर्खियों में था।

उस वक्त मोदी सरकार पर भी पेगासस स्पाईवेयर खरीदनें और विपक्षी नेताओं व कुछ पत्रकारों की जासूसी के लिए उसका इस्तेमाल करने संबंधित कथित आरोप लगाए गए थे। तब यह भी दावा किया गया था कि एंड्रॉयड फोनों की तुलना में आईफोन आसानी से पेगासस के हमले का शिकार हो जाते हैं।

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