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वायु प्रदूषण: दिल्ली के आसपास के 10 शहरों में ‘बेहद खराब’ हुई हवा

वायु प्रदूषण: दिल्ली के आसपास के 10 शहरों में ‘बेहद खराब’ हुई हवा

  • दिल्ली-एनसीआर समेत नोएडा, फरीदाबाद आदि शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बेहद खराब' श्रेणी तक पहुँच गया है।
  • केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा देश के 10 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट जारी की गई है।
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Air Quality Index – Delhi & Noida: मौसम में आए तेज बदलाव और सर्दियों की शुरुआत के साथ ही अब दिल्ली और इसके आसपास के शहरों की हवा का मिज़ाज भी बदलने लगा है। दिल्ली-एनसीआर समेत नोएडा, फरीदाबाद आदि शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बेहद खराब’ श्रेणी तक पहुँच गया है।

अक्टूबर के महीने की शुरुआत से ही उत्तर भारत के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब होने लगी थी। और अब सर्द मौसम के चलते कई शहरों में स्मॉग का स्तर भी बढ़ने लगा है और लोगों के लिए साफ हवा में साँस लेना मुश्किल हो गया है। कई शहरों में प्रदूषण का हाल बहुत ही खराब हो रखा है।

इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा देश के 10 सबसे प्रदूषित (वायु प्रदूषण) शहरों की लिस्ट जारी की गई है, जिसके अनुसार ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता की स्थिति सबसे खराब है। साथ ही इससे लगे अन्य शहरों जैसे फरीदाबाद, दिल्ली और मुजफ्फरनगर का भी कुछ ऐसा ही हाल है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आँकड़ो के अनुसार, सोमवार को ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर 354 रहा, वहीं फरीदाबाद में यह 322, दिल्ली में 313 और मुजफ्फरनगर में 299 रहा। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के आसपास के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक का पैमाना ‘बेहद खराब’ श्रेणी को दर्शाने लगा है।

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आपको बता दें,  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा जारी किए जाने वाले वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आँकड़ो में वायु गुणवत्ता के लिहाज से 0-50 के बीच का स्तर ‘अच्छा’ माना जाता है। वहीं ’51-100′ के बीच के स्तर को ‘संतोषजनक’, जबकि 101-200 के बीच के स्कोर को प्रदूषण की ‘मध्यम’ श्रेणी में रखा जाता है।

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लेकिन ‘201-300’ का स्कोर वायु की ‘खराब’ स्थिति को दर्शाता है। वहीं ‘301-400’ के बीच का स्तर ‘बेहद खराब’ और ‘401-500’ के बीच को ‘अति गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है।

Air Quality Index – Delhi: हवा को सुधारने के प्रयास

इस बीच वायु वायु गुणवत्ता की हालत को देखते हुए, दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण को लागू कर दिया गया है, जिसके तहत 11 सूत्रीय कार्य योजना बनाई गई है। इस कार्य योजना में सड़कों पर पानी का छिड़काव, कोयला और लकड़ी के चूल्हों को बैन करना, सीएनजी और इलेक्ट्रिक बस सेवाओं को बढ़ावा देना आदि शामिल हैं।

दिवाली को देखते हुए, दिल्ली में बैन हैं पटाखें

हर साल दिवाली के आसपास दिल्ली में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ने लगता है, जिसके कई कारण होते हैं। इस बीच दिल्‍ली में पहले ही पटाखों पर बैन लगा दिया गया है। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमिटी की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली में 1 जनवरी 2024 तक पटाखों पर बैन जारी रहेगा। याद दिला दें, 11 सितंबर को दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री, गोपाल राय ने पटाखे पर पूरी तरह से बैन लगाने का ऐलब किया था।

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