संपादक, न्यूज़NORTH
India Ordered Inspection of BYJU’S: भारत का सबसे दिग्गज एडटेक स्टार्टअप माने जाने वाला BYJU’S इन दिनों लगातार मुश्किलों से घिरता नजर आ रहा है। हर दिनों मानों कंपनी के नई ‘मुसीबत और गंभीर आरोपों’ का सामना कर रही है।
इसी कड़ी में आज, शुक्रवार को सामने आई खबरों के अनुसार, भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कॉर्पोरेट गवर्नेंस में तमाम खामियों के आरोपों का संज्ञान लेते हुए, एडटेक स्टार्टअप BYJU’S का निरीक्षण (Inspection) शुरू करने संबंधित आदेश जारी किया है।
असल में इस बात का खुलासा CNBC-TV18 की एक हालिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से किया गया, जिसमें सामने आया है कि सरकार के मंत्रालय द्वारा निरीक्षण के आदेश पिछले हफ्ते ही जारी किए गए थे।
गौर करने वाली बात ये है कि इस खबर के सामने आने के ठीक एक दिन पहले, लोन प्रदाताओं के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रहे और हाल में वैल्यूएशन में कटौती दर्ज करने वाले BYJU’S के बोर्ड से तीन सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया।
सामने आई जानकारियों के मुताबिक, इसमें कंपनी के प्रमुख निवेशकों में शुमार Sequoia Capital India (अब Peak XV), Chan-Zuckerberg Initiative और Naspers Ventures का प्रतिनिधित्व करने वाले बोर्ड सदस्यों ने इस्तीफा दिया है। इसके बाद अब कंपनी के बोर्ड में केवल संस्थापक के परिवार के सदस्य ही शेष रह गए हैं।
इतना ही नहीं बल्कि और ऑडिटिंग की जिम्मेदारी निभा रहे Deloitte ने भी कंपनी से नाता तोड़ दिया है। जी हाँ! दुनिया की सबसे बड़ी ऑडिटिंग कंपनियों में से एक Deloitte ने अपने आधिकारिक पत्र में “काफी समय से लंबित” वित्तीय विवरणों जैसे कारणों का हवाला देते हुए, बीच में ही ‘तत्काल प्रभाव’ से BYJU’S के ऑडिटर की भूमिका व जिम्मेदारी छोड़ दी है।
वैसे एक ताजा अपडेट के मुताबिक, BYJU’S ने BDO को अपना नया ऑडिटर नियुक्त किया है।
Indian govt ordered BYJU’S inspection?
हम यह साफ कर दें कि सरकार द्वारा निरीक्षण शुरू किए जाने की खबर के संबंध में अभी तक BYJU’S या खुद मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि या टिप्पणी नहीं की गई है।
दिलचस्प ये है कि इसी साल अप्रैल में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा बेंगलुरु में कंपनी के संस्थापक और सीईओ, रवींद्रन बायजू (Raveendran Byju) और उनकी कंपनी, थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think & Learn Private Limited) से संबंधित तीन स्थानों पर छापेमारी की बात भी सामने आई थी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह करवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) नियमों के तहत की थी। इस छापेमारी के दौरान जाँच एजेंसी ने कुछ ‘डॉक्यूमेंट्स’ और ‘डिजिटल डेटा’ जब्त भी किए थे, जिसकी जानकारी खुद ईडी ने ट्वीट करके दी थी।
बीता कुछ समय कंपनी के लिए सही नहीं रहा है। कुछ ही दिनों पहले कंपनी $500 मिलियन छिपाने के आरोप में ऋणदाता रेडवुड मैनेजमेंट के साथ विवादों और कानूनी कार्यवाई में उलझ गई है।
इसी बीच कंपनी हजारों की संख्या में लगातार की जा रही छंटनी (Layoffs) और कुछ निवेशकों द्वारा वैल्यूएशन में की गई कटौती के चलते भी आलोचनाओं का सामना कर रही है।
ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि कभी देश का सबसे अधिक वैल्यूएशन वाला स्टार्टअप होने का खिताब रखने वाले ये कंपनी इन सब विवादों से लड़ने के साथ ही साथ, बाजार में तेजी से बढ़ते अपने प्रतिद्वंदियों का मुकाबला कैसे करती है?