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‘स्टार्टअप सीड फंड’ स्कीम के तहत ‘इनक्यूबेटर्स’ को अब तक ₹611 करोड़ का आवंटन

‘स्टार्टअप सीड फंड’ स्कीम के तहत ‘इनक्यूबेटर्स’ को अब तक ₹611 करोड़ का आवंटन

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Govt allocates Rs 611 crore to incubators under Startup India Seed Fund: इस बात में कोई शक नहीं है कि आज के दौर में स्टार्टअप्स किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के विकास में एक अहम रोल अदा कर रहे हैं। ऐसे में तमाम देशों की सरकारें अपने-अपने तरीकों से स्टार्टअप ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही हैं, जिनमें से ‘भारत‘ भी एक है।

भारतीय स्टार्टअप आज देश ही नहीं बल्कि वैश्विक पटल पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाने में कामयाब साबित हो रहे हैं।

और अब सामने आ रही जानकरी के मुताबिक, भारत सरकार ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम’ के तहत इनक्यूबेटरों को अब तक कुल ₹611 करोड़ आवंटित कर चुकी है, जिसमें से ₹61 करोड़ स्टार्टअप्स को दिए गए हैं।

आपको याद दिला दें, अप्रैल 2021 में भारत सरकार ने ₹945 करोड़ के कोष के साथ ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम’ (SISFS) लॉन्च की थी। इस स्कीम के लिए बनाए गए कुल कोष को अगले चार सालों यानी 2025 तक में विभाजित किए गया है।

असल में ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम’ के तहत बनाए गए इस कोष के जरिए देश भर में पात्र इनक्यूबेटरों की मदद से योग्य स्टार्टअप्स को सीड फंडिंग प्रदान करने का काम किया जाता है।

इस स्कीम का मुख्य मक़सद प्रूफ कॉन्सेप्ट, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, प्रोडक्ट ट्रायल, मार्केट एंट्री और कमर्शियलाइजेशन को लेकर शुरुआती स्तर के स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने का है।

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इस ₹945 करोड़ की राशि को 1 अप्रैल 2021 से 2025 के बीच चुनिंदा स्टार्टअप इनक्यूबेटरों के बीच बांटा जाना है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) के संयुक्त सचिव, मनमीत नंदा ने बताया कि यह स्कीम दो साल पूरे कर चुकी है और निरंतर इनोवेशन को बढ़ावा देने में मदद कर रही है।

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उन्होंने बताया कि स्कीम के तहत अब तक 165 इनक्यूबेटरों का चयन किया गया है और उनके लिए ₹611 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। स्कीम के तहत अब तक 1,000 से अधिक स्टार्टअप लाभान्वित हुए हैं।

यह योजना कई मायनों में शुरुआती स्तर पर स्टार्टअप्स के लिए मददगार साबित हो रही है। सरकार की कोशिश है कि एक ओर जहाँ स्टार्टअप्स को शुरू में आने वाली चुनौतियों से निपटने में मदद मिलती रहे, वहीं साथ ही इन अर्ली-स्टेज स्टार्टअप्स को सस्ते मूल्यों पर विदेशी कंपनियों को हिस्सेदारी बेचने पर मजबूर भी ना होना पड़े।

दिलचस्प रूप से, दो साल पूरे होने के बाद सरकार धरातल में इस स्कीम के जरिए पड़ने वाले प्रभावों का भी आँकलन करना चाहती है। मनमीत नंदा के मुताबिक, DPIIT किसी थर्ड पार्टी के जरिए ‘स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम’ के प्रभाव का आँकलन करने की ज़िम्मेदारी सौंपने पर भी विचार कर रही है।

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