संपादक, न्यूज़NORTH
India Ban Chinese Apps, Again! – बीतें सालों में भारत सरकार ढेरों चीनी ऐप्स को देश में प्रतिबंधित (बैन) कर चुकी है, जिसमें BGMI, TikTok, PUBG जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि अभी ये लिस्ट खत्म नहीं हुई है, क्योंकि अब इसमें लघग 232 नए नाम जुड़ गए हैं।
जी हाँ! सामने आई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार अब ‘तत्काल’ और ‘आपातकालीन’ आधार पर 138 सट्टेबाजी (बेटिंग) ऐप्स और 94 लोन ऐप्स को बैन करने जा रही है, जिसका लिंक प्रत्यक्ष व प्रत्यक्ष रूप से चीन से है।
सरकार ने यह भी देखा कि इनमें से लगभग 94 ऐप ई-स्टोर्स पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं, जबकि अन्य थर्ड-पार्टी लिंक के जरिए लोगों द्वारा डाउनलोड किए जाते हैं।
असल में सामने आई जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय द्वारा की गई सिफारिश को ध्यान में रखते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इन ऐप को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित (बैन) और ब्लॉक करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
India Ban Chinese Apps: क्या है ऐप बैन की वजह?
सोशल मीडिया पर लोग इसे चीन पर एक और डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक बता रहे हैं। सामने यह आया है कि इन ऐप्स को भी देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए बैन किया गया है।
रिपोर्ट्स यह बताती हैं कि भारत सरकार ने आज से लगभग 6 महीना पहले ही लगभग 288 चीनी ऐप्स का आँकलन करना शुरू किया था, जिसके बाद यह पता लगा कि इनमें से अधिकांश ऐप्स भारतीय नागरिकों के ‘पर्सनल डेटा’ को भी एक्सेस कर रही हैं।
On a communication from the Ministry of Home Affairs, the Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) has initiated the process to ban and block 138 betting apps and 94 loan lending apps with Chinese links on an “urgent” and “emergency” basis. pic.twitter.com/TDGnEIvNtr
— ANI (@ANI) February 5, 2023
इसलिए इन ऐप्स पर कार्यवाई करते हुए, इन्हें आईटी अधिनियम की धारा 69 का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया, क्योंकि इनमें कथित रूप से ऐसी चीजें मिलीं, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।
इतना ही नहीं बल्कि शायद आपको याद हो कि कुछ समय पहले, ऐसे कई मामले सामने आए थे कि कुछ लोन ऐप्स अपने ग्राहकों से जबरन वसूली व अन्य तरिकों से उनका उत्पीड़न कर रही हैं। इसलिए इस कार्यवाई को उससे जोड़ कर भी देखा जा रहा है।
रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस तरीकें की ऐप्स के पीछे कुछ चीनी नागरिकों का दिमाग है, जो भारतीयों को काम पर रखते हैं और उन्हें संचालन की ज़िम्मेदारी सौंप देते हैं। इसके बाद ये लोग हताश लोगों को, मोबाइल ऐप्स के जरिए तुरंत कर्ज ले सकने का लालच देते हैं, और फिर सामने आए मामलों के मुताबिक, ब्याज को लगभग सालाना 3,000% तक बढ़ा कर, उनसे जबरन वसूली करते हैं, और पैसे ना देने पर धमकाने व उनका मानसिक उत्पीड़न करने का भी काम करते हैं।
अधिकतर मामलों में ग्राहकों को धमकी भरे मैसेज भेजना, उनकी तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ करके, उसे वायरल करने की धमकी देना और उनके मोबाइल कांटैक्ट को एक्सेस कर, उन्हें मैसेज भेज कर शर्मसार करने जैसी चीजें तक की जाती हैं।
आपको बता दें इन मामलों ने तब तूल पकड़ी, जब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ऐसे ही उत्पीड़न के शिकार कुछ लोगों द्वारा आत्महत्या तक करने की खबर सामने आई, जिन्होंने ऐसी ऐप्स ये लोन लिया या फिर सट्टेबाजी करने वाले ऐप्स में अपने सभी पैसे हार गए। इसके बाद, तमाम राज्यों व केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय से इसके ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की थी।
ऐप बैन की शुरुआत साल 2020 से हुई थी, यह वही वक्त था, जब भारत-चीन के बीच सीमा विवाद काफी बढ़ गया था। अब तक भारत TikTok, PUBG Mobile, SheIn, Camscanner, Garena Free Fire जैसी कई बेहद लोकप्रिय ऐप्स को भी बैन कर चुका है, जिन पर संवेदनशील यूजर डेटा को इक्कठा करने से लेकर, देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने जैसे आरोप थे।