संपादक, न्यूज़NORTH
T+1 Settlement Cycle Starts From Today: भारतीय शेयर बाजार में 27 जनवरी 2023 यानी आज से ही एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। असल में भारत का शेयर मार्केट टी प्लस वन सेटलमेंट सिस्टम (T+1 Settlement System) नामक एक नए सेटलमेंट सिस्टम को अपनाने जा रहा है।
जी हाँ! ये इसलिए अहम है क्योंकि आज से ही ये T+1 सेटलमेंट सिस्टम देश के दो सबसे अहम शेयर बाजार सूचकांकों – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के शेयर लेनदेन में लागू हो जाएगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें फिलहाल भारतीय शेयर बाजार में सभी स्टॉक सौदे T+2 सेटलमेंट सिस्टम पर आधारित होते हैं। लेकिन जानकारों के अनुसार, T+1 सिस्टम के आने से भारतीय शेयर मार्केट में स्टॉक डील करना और आसान बं जाएगा।
क्या है टी प्लस वन सेटलमेंट सिस्टम (T+1 Settlement System)?
सरल शब्दों में समझने की कोशिश करें तो इस नए T+1 सेटलमेंट साइकिल के तहत भारत में अब से शेयरों की खरीद या बिक्री संबंधी सौदों का निपटान अगले दिन या कहें तो सिर्फ 24 घंटे के भीतर ही कर दिया जाएगा।
आप समझ ही गए होंगे कि इसके चलते शेयरों में लेन-देन पहले की तुलना में और तेज हो जाएँगे। इसके पहले तक जो T+2 सेटलमेंट साइकिल का इस्तेमाल हो रहा था, उसके तहत अगर कोई निवेशक आज के दिन किसी शेयर की खरीद या बिक्री करता था, तो उसका डीमैट (DeMat) अकाउंट अगले 48 घंटों में पूरी तरह अपडेट होता था।
और अब इस नए T+1 सेटेलमेंट सिस्टम के आने से शेयरों या संबंधित पैसों का लेनदेन अधिकतम एक दिन के भीतर ही डीमैट अकाउंट में अपडेट हो जाएगा।
कैसे हुई थी T+1 सेटलमेंट साइकिल की शुरुआत
वैसे तो देश में इस T+1 इस सिस्टम की शुरुआत बीते साल 2022 में ही चरणबद्ध रूप (सीमित शेयर लेनदेनों के लिए) कर दी गई थी, लेकिन अब इसके दायरे को और भी बढ़ाते हुए, नए सिस्टम को आज से लगभग सभी शेयरों के लिए लागू कर दिया गया है।
असल में फरवरी 2022 में T+1 सेटलमेंट साइकिल को सबसे कम मार्केट कैपिटलाइजेश वाले 100 स्टॉक्स के लिए शुरू कर दिया गया था, और धीरे-धीरे इसको व्यापक बनाने का काम किया जाता रहा।
आज से भारतीय शेयर मार्केट में ‘लार्ज कैप’ (Large Cap) और ब्लू चिप (Blue Chip) स्टॉक्स संबंधित सौदों को T+1 सेटलमेंट सिस्टम के आधार पर ही पूरा किया जाएगा।
दिलचस्प ये है कि दुनिया के तमाम देशों में कई अंतराष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेज पहले से ही इस सिस्टम को अपना चुके हैं। लेकिन अभी भी कुछ बड़े देशों के अंतराष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेज जैसे – अमेरिका, यूरोप, चीन, जापान में T+2 सेटलमेंट सिस्टम का ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
बताते चलें कि भारत में साल 2003 से T+2 सेटलमेंट साइकिल ही चली आ रही थी, और उसके पहले T+3 और उससे भी पहले T+5 सेटलमेंट साइकिल को इस्तेमाल किया जाता था