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Uber द्वारा हिस्सेदारी बेचे जा सकने की खबरों के बीच Zomato के शेयर में लगभग 7% की गिरावट

Uber द्वारा हिस्सेदारी बेचे जा सकने की खबरों के बीच Zomato के शेयर में लगभग 7% की गिरावट

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Uber to sell stake in Zomato? भारतीय फूडटेक ब्रांड Zomato के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। एक दिन पहले यानी 2 अगस्त को ही पिछली तिमाही के अच्छे नतीजों के चलते Zomato की शेयर कीमतों में 20% का उछाल दर्ज किया गया था।

लेकिन आज एक बार फिर से Zomato के शेयर में तेज गिरावट दर्ज की है। Reuters की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 3 अगस्त को कंपनी की शेयर कीमतों में लगभग 6.8% की गिरावट दर्ज की गई है।

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इसके पीछे एक बड़ी वजह भी है। असल में 2 अगस्त की शाम से ही तमाम मीडिया रिपोर्ट्स सामने आने लगीं, जिनमें कहा जा रहा है कि कैब सेवा प्रदाता Uber अब Zomato में अपनी 7.8% हिस्सेदारी को बेचने जा रहा है। आपको बता दें Uber की इस हिस्सेदारी की कीमत लगभग ₹2,938 करोड़ (~ $373 मिलियन) बताई जा रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, Uber का ऑफर ₹48 से ₹54 प्रति शेयर के प्राइस रेंज के साथ पेश किया जा सकता है, जिसके तहत 612 मिलियन या लगभग 7.8% शेयरों की बिक्री की जा सकती है। जाहिर है ये Zomato के लिए कोई अच्छी खबर नहीं है।

Uber Zomato

आपको बता दें Uber ने मार्च 2020 में UberEats को लगभग $206 मिलियन में Zomato को बेच दिया था, और इसी डील के तहत Uber ने Zomato में 9.99% की हिस्सेदारी हासिल की थी।

2021 में जब Zomato ने भारतीय शेयर बाजार में कदम रखते हुए अपना IPO पेश किया था, तब उस वक्त Uber की हिस्सेदारी की कीमत $1.2 बिलियन की थी। खाद्य वितरण व्यवसाय को उम्मीद है कि EBIDTA 2023 की चौथी तिमाही तक टूट जाएगा।

दिलचस्प ये है कि ये खबर ऐसे वक्त में आई जब एक दिन पहले ही Zomato ने जून में समाप्त हुई तिमाही की अपनी राजस्व रिपोर्ट पेश की।

इस रिपोर्ट के तहत Zomato का कुल घाटा ₹185.7 करोड़ तक सिमटा नजर आया, जो इसके पिछली तिमाही में ₹359.7 करोड़ तक था। हैरान करने वाली बात ये रही है कि Blinkit को अधिग्रहण करने के निर्णय के लिए हुई भारी आलोचना के बाद भी कंपनी घाटे को कम करने में कामयाब रही।

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याद दिला दें Zomato ने कुछ समय पहले ही ₹4,447 करोड़ में Blinkit (पूर्व में Grofers) के अधिग्रहण का ऐलान किया था, और इस डील को इसी साल जून के महीने में अंतिम रूप दिया गया था। 

Zomato इन तमाम आलोचनाओं से पीछा छुड़ाने के लिए अब गंभीर प्रयास करते भी नजर आ रहा है। शायद यही वजह है कि कुछ ही दिन पहले सामने आई रिपोर्ट्स में कथित रूप से ये सामने आया है कि Zomato के सीईओ, दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) ने अपने कर्मचारियों को इस बात की जानकारी दी है कि Zomato अपनी पैरेंट कंपनी को री-ब्रांड करते हुए, Eternal नामक पहचान देने जा रहा है।

असल में Eternal नामक पैरेंट फर्म के तहत ही कंपनी के अलग-अलग वर्टिकल – Zomato, BlinkIt और Hyperpure आदि को संचालित किया जाएगा। दिलचस्प ये है कि इन सभी बिजनेस वर्टिकल के लिए आल अलग सीईओ (CEOs) और शीर्ष आधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा।

लेकिन इन सब के बीच अगर Uber व्यापक रूप से Zomato में अपनी हिस्सेदारी को बेचता है, तो ये कहीं न कहीं Zomato की साख के लिए फिर एक बड़ी समस्या खड़ी करता नजर आ सकता है।

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