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इकोनॉमिक सर्वे 2022: नए स्टार्टअप्स के मामले में ‘दिल्ली’ ने ‘बेंगलुरु’ को छोड़ा पीछे

इकोनॉमिक सर्वे 2022: नए स्टार्टअप्स के मामले में ‘दिल्ली’ ने ‘बेंगलुरु’ को छोड़ा पीछे

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केंद्रीय बजट 2022-23 से पहले, आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत का आर्थिक सर्वेक्षण 2022 (Economic Survey Of India 2022) रिपोर्ट संसद के पटल पर पेश की।

हमेशा की तरह इस बार के इकोनॉमिक सर्वे में भी पिछले वित्तीय वर्ष में हुए आर्थिक विकास के साथ-साथ आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक विकास के दृष्टिकोण की एक तस्वीर पेश करने की कोशिश की गई।

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लेकिन इस बार के इकोनॉमिक सर्वे 2022 के तामम पहलुओं के बीच, भारत का स्टार्टअप जगत भी लोगों का विशेष ध्यान खींचता नज़र आया और इससे जुड़ने कुछ दिलचस्प आँकड़े भी सामने आए।

आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार, भारत में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा मान्यता प्राप्त 61,400 से अधिक स्टार्टअप हैं, जिनमें से कम से कम 14,000 को वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान ही मान्यता मिली है।

दिलचस्प ये है कि भारत के 555 जिलों में कम से कम एक नया स्टार्टअप दर्ज किया गया, जो इस बात के साफ़ संकेत देता है कि देश का स्टार्टअप ईको सिस्टम अब चुनिंदा जगहों से आगे बढ़ते हुए, अन्य हिस्सों में भी पैर पसार रहा है।

इस सर्वे में ये भी सामने आया है कि भारत में स्टार्टअप ईको-सिस्टम बीते 6 सालों में काफ़ी तेज़ी से बढ़ा है। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहाँ अकेले वित्त वर्ष 2021-22 में 14,000 से अधिक नए स्टार्टअप्स रजिस्टर हुए, वहीं वित्त वर्ष 2016-17 में ये संख्या सिर्फ़ 733 ही थी।

अब भारत दुनिया भर में अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको-सिस्टम बनाने में कामयाब हो गया है।

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सर्वे में साफ़ किया गया कि बीते साल 2021 में देश में रिकॉर्ड 44 भारतीय स्टार्टअप्स ने यूनिकॉर्न ($1 बिलियन से अधिक की वैल्यूएशन) का दर्जा हासिल किया, जिसके बाद भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की कुल संख्या 83 हो गई, जिसमें से अधिकतर सर्विस सेक्टर से जुड़े स्टार्टअप्स हैं।

ग़ौर करने वाली बात ये है कि इस सर्वे में इन कई स्टार्टअप्स के द्वारा दायार किए गए IPO का भी ज़िक्र क्या गया।

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इकोनॉमिक सर्वे 2022 के मुताबिक़,  अप्रैल-नवंबर 2021 में 75 आईपीओ (IPOs) के माध्यम से ₹89,066 करोड़ जुटाए गए, जो पिछले 10 सालों में किसी भी एक साल की तुलना में सबसे अधिक है।

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और तो और इस सर्वे में भारत में तेज़ी से अपनी जगह बना रहे स्पेस टेक स्टार्टअप्स के विकास का भी ज़िक्र किया गया। आँकड़ो की मानें तो स्पेस (अंतरिक्ष) सेक्टर में भारतीय स्टार्टअप्स की संख्या 2019 में 11 के मुक़ाबले बढ़कर 2021 में 47 हो गई है।

पर इन सब के बीच, एक और दिलचस्प आँकड़ा ये सामने आया कि अब देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली ने बेंगलुरु को भी पीछे छोड़ते हुए “भारत की स्टार्टअप राजधानी” का दर्जा भी हासिल कर लिया है।

जी हाँ! हम ऐसा इसलिए कह रहें हैं क्योंकि सर्वे बताता है कि अप्रैल 2019 और दिसंबर 2021 के बीच दिल्ली में जहाँ 5,000 से अधिक स्टार्टअप्स को मान्यता दी गई, वहीं बेंगलुरु में ये संख्या 4,514 स्टार्टअप रही।

पर इन सब के ज़्यादा महाराष्ट्र में सबसे अधिक 11,308 के लगभग स्टार्टअप्स ने मान्यता प्राप्त की हैं।

इस बीच नए इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विकास दर 9.2% अनुमानित की गई, वहीं अगले साल यानि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इसके 8-8.5% तक होने का अनुमान है।

आपको बता दें फ़िलहाल भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के खजाने में $635 बिलियन का विदेशी रिजर्व होने की भी जानकारी दी गई है।

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