संपादक, न्यूज़NORTH
देश के टेलीकॉम बाज़ार में तकनीक के लिहाज़ से सबसे आगे रहने के अपने टैग को बनाए रखने की दिशा में Reliance Jio ने अब एक बड़ा क़दम उठाया है। असल में Jio ने अब ये ऐलान किया है कि वह भारत में 5G सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए भारत के सबसे बड़े इंटरनेशनल सबमरीन केबल सिस्टम (Submarine Cable System) का निर्माण करने जा रही है।
जी हाँ! Reliance Jio ने भारत में डेटा की बढ़ती मांग को देखते हुए नेक्स्ट जनरेशन के दो केबल सिस्टम बिछाने का मन बनाया है। इस प्रोजेक्ट को कई ग्लोबल कंपनियों और सबमरीन केबल सप्लायर, SubCom के साथ मिलकर पूरा करेगी।
इस प्रोजेक्ट के तहत कंपनी का मक़सद इंटरनेशनल सबमरीन केबल सिस्टम देश में नेटवर्क कनेक्टिविटी सेवाओं के विस्तार का है, जिसके लिए दुनिया भर के टॉप इंटरएक्सचेंज पॉइंट्स और कंटेंट हब के साथ भारत को जोड़ने के लिए सब-सी फाइबर-ऑप्टिक केबल लाइनों का एक नेटवर्क बिछाया जाएगा।
इसको लेकर कंपनी ने एक बयान में कहा कि फाइबर ऑप्टिक सबमरीन कम्यूनिकेशन के इतिहास में पहली बार, ये सिस्टम भारत को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाता नज़र आएगा। ये इसलिए भी अहम था क्योंकि 2016 में देश के भीतर Jio सेवाओं के लॉन्च के बाद से डेटा की माँग और इस्तेमाल में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
कुछ ऐसा होगा Jio Submarine Cable System का स्वरूप
असल में अपने इन दो सबमरीन केबल प्रोजेक्ट के तहत Jio भारत-एशिया-एक्सप्रेस (IAX) और भारत-यूरोप-एक्सप्रेस (IEX) नामक दो सिस्टम लगाएगी।
एक तरफ़ IAX भारत को सिंगापुर से जोड़ने का काम करेगा, वहीं IEX के ज़रिए मध्य पूर्व और यूरोप के साथ भारत को जोड़ने का काम किया जाएगा। इन दोनों सिस्टम के सहारे भारत पूर्व में सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया से जुड़ सकेगा और पश्चिम में मिस्र और सऊदी अरब जैसे देशों से जुड़कर इटली से कनेक्ट कर सकेगा।
देश भर में 16,000 किमी से अधिक के फैलाव वाले ये दोनों केबल सिस्टम आपस में भी जुड़ेंगे और साथ ही ये ग्लोबल डेटा इंटरएक्सचेंज पॉइंट्स से भी जुड़े रहेंगे। अगर Jio की मानें तो उसके ये Submarine Cable System, IAX और IEX यूज़र्स को डेटा के साथ-साथ क्लाउड सर्विसेज जैसी क्षमताओं को बढ़ाने में भी मदद करेंगें।
जियो सबमरीन केबल सिस्टम से देश के लोगों को क्या होगा फ़ायदा?
असल में आपके मन में अभी भी शायद ये सवाल बना हो कि भला इन दोनों सबमरीन केबल सिस्टम का क्या उपयोग है?
तो हम आपको बता दें भारत को इसके ज़रिए स्ट्रीमिंग वीडियो, रिमोट वर्कफोर्स, 5G, IoT और क्लाउड सर्विस के क्षेत्र में एक अहम बढ़त मिलेगी। वैसे भी देश फ़िलहाल दुनिया भर में डेटा और इंटरनेट के तेज़ी से बढ़ते इस्तेमाल के मामले में सबसे आगे रहने वालें देशों में से एक है।