संपादक, न्यूज़NORTH
काफ़ी समय से Future-Reliance के बीच हुई डील को लेकर Amazon के साथ दोनों कंपनियों का विवाद चल रहा है। लेकिन इसमें बीते कुछ दिनों से Amazon को लगातार नुक़सान होता नज़र आ रहा था, क्योंकि इस डील को भारतीय नियामकों से लगातार मंज़ूरी हासिल होती जा रही है।
लेकिन अब ऐसा लगता है कि एक लंबे समय के बाद कंपनी Amazon के लिए इसको लेकर एक अच्छी खबार सामने आई है। असल में दिल्ली हाईकोर्ट ने अब अपने एक आदेश में सिंगापुर की अदालत द्वारा इस डील को रोकने के अंतरिम आदेश को भारत में भी लागू करने योग्य पाया है, और फ़िलहाल सभी पक्षों से इस डील के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है।
जी हाँ! Amazon ने असल में दिल्ली हाईकोर्ट से अपील की थी कि Future-Reliance के बीच हुई ये डील कई मायनों में Amazon और Future Coupons (जो Future Group की ही एक सहायक कंपनी है) के बीच पहले हुए एक सौदे की शर्तों का उल्लंघन करती है, इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।
Future-Reliance डील पर सिंगापुर की अदालत ने लगाई थी रोक
आपको बता दें इसके पहले Amazon ने सिंगापुर के Emergency Arbitrator (EA) के सामने भी इस मुद्दे को उठाया था और इसके बाद उसने इस डील पर रोक लगाने का एक अंतरिम आदेश पारित किया था।
लेकिन पक्ष यानि Future-Reliance का कहना था कि ये डील सभी भारतीय नियमों और क़ानूनों के दायरे में है और इसलिए वो आदेश इस डील पर लागू नहीं होता है। और इसलिए वो जल्द से जल्द तय समय सीमा में इस डील को पूरा करेंगें।
इसके पहले Future Group ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर ये आग्रह किया था कि वह Amazon को इस डील के विरोध में नियामकों को लिखने से रोके। लेकिन आपको बता दें इस याचिका को कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया गया था।
अब तक इस डील को न सिर्फ़ SEBI बल्कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और देश में स्टॉक एक्सचेंजों जैसे BSE द्वारा भी मंजूरी दे दी गई थी। और इसलिए अब Amazon की याचिका पर ग़ौर करने के साथ दिल्ली हाईकोर्ट ने तुरंत ही इस डील को लेकर और कोई विकास होने से रोक लगाते हुए यथास्थिति बरक़रार रखने का आदेश दिया है।
आज अदालत ने Amazon का पक्ष लेते हुए यह भी कहा कि कंपनी के अधिकारों की रक्षा के लिए इस अंतरिम आदेश को तुरंत पारित करने की आवश्यकता है। इस मुद्दे पर न्यायाधीश ने कहा,
“उत्तरदाताओं (Future-Reliance) को इस संदर्भ में कोई अगला आदेश आने तक आज शाम 4:49 बजे से यथास्थिति बरक़रार रखने का आदेश दिया जाता है।”
इसके साथ कोर्ट ने प्रमुखता से यह भी कहा कि सिंगापुर कोर्ट का आदेश भारत में लागू करने योग्य है, भले ही Future Group ने किसी प्रकार के शर्तों के उल्लंघन से इनकार क्यूँ न किया हो।
असल में Amazon का ये भी कहना रहा है कि Future Group और Reliance ने जानबूझकर और दुर्भावनावश EA के आदेश को नहीं माना। जबकि ये आदेश उनको डील को अस्थाई रूप से रोकने के लिए बाध्यकारी बनाता है और कानून के अनुसार इसे चुनौती नहीं दी जा सकती है।
बहरहाल! आपको बता दें आज के फ़ैसले के अनुसार अब इस मुद्दे को लेकर 90 दिनों में तीन सदस्यीय पैनल स्थापित किया जाएगा, जिसमें Amazon और Future-Reliance 1-1 एक न्यायाधीशों की सिफ़ारिश कर सकते हैं, जबकि तीसरे न्यायाधीश न्यूट्रल यानि दोनों पक्षों की सिफ़ारिश के बिना नियुक्त होंगें।