Now Reading
सरकार ने Amazon, Flipkart व अन्य के साथ बुलाई एक मीटिंग; प्लेटफ़ोर्म पर ‘प्रोडक्ट बनाने वाले देश का नाम लिखना अनिवार्य’ बनाने पर होगी चर्चा

सरकार ने Amazon, Flipkart व अन्य के साथ बुलाई एक मीटिंग; प्लेटफ़ोर्म पर ‘प्रोडक्ट बनाने वाले देश का नाम लिखना अनिवार्य’ बनाने पर होगी चर्चा

new-personal-data-protection-bill-is-almost-ready

भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने Amazon, Flipkart और Snapdeal जैसे ई-कॉमर्स खिलाड़ियों को इन वेबसाइटों पर बिक्री के लिए उपलब्ध उत्पाद के बनने की ‘मूल जगह’ को दर्शाने के लिए एक मीटिंग बुलाई है।

ज़ाहिर है इस वक़्त देश में लगातार चीनी समानों का बहिष्कार हो रहा है। और ऐसे में कई लोगों ने अपील की थी कि ई-कॉमर्स यानि ऑनलाइन बेचे जाने वाले उत्पादों में भी यह स्पष्ट रूप से बताया जाए की कौन सा उत्पाद कहाँ का बना हुआ है।

दरसल MoneyControl के हवाले से सामनें आयी एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि इन ई-कॉमर्स कम्पनियों को भेजे गए एक मेल में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि इस मीटिंग की अध्यक्षता संयुक्त सचिव रविंदर करेंगे।

आपको बता दें भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार चीन में बने उत्पादों के बहिष्कार को लेकर इस समय एक लहर सी चली है, जिसका कारण है कि चीन की शर्मनाक हरकत के चलते हमारे देश के 20 भारतीय सैनिकों को लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा की हिफ़ाज़त करते हुए शहादत देनी पड़ी।

यह क़दम ऐसे समय में आया है जब क़रीब दो दिन पहले ही कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ने ट्रेडर्स और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से आग्रह किया था कि हर ई-कॉमर्स पोर्टल के लिए अनिवार्य किया जाए कि वह अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले प्रत्येक उत्पाद के देश का नाम सार्वजनिक करे।

दरसल रिपोर्ट्स की मानें तो ज्यादातर ई-कॉमर्स कंपनियां भारत में चीनी सामान बेच रही हैं और दिलचस्प बात यह है कि कई उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी तक नहीं है। इसलिए अब यह कहा जा रहा है कि ये कम्पनियाँ समान की मैन्युफ़ैक्चरिंग करने वाले देशों के नाम को सार्वजनिक करें।

इस बीच सरकार ने नए उत्पादों का पंजीकरण करते समय अपने GeM ऑनलाइन मार्केटप्लेस में मूल देश का नाम सार्वजनिक करना अनिवार्य कर दिया है।

आपको बता दें सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत योजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।

See Also
reliance-to-merge-jiocinema-with-disney-plus-hotstar

इतना ही नहीं बल्कि GeM ने उत्पादों में स्थानीय सामग्री के इस्तेमाल के प्रतिशत को भी दर्शाया जाएगा। अर्थात् मूल देश के साथ-साथ सभी सामग्रियों के लिए स्थानीय सामग्री कितनी इस्तेमाल हुई इसका आँकड़ा।

साथ ही वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में यह भी बताया है कि खरीदार अब नए फ़िल्टर के माध्यम से केवल उन उत्पादों को भी चुन सकते हैं जिनमें 50 प्रतिशत स्थानीय सामग्री का इस्तेमाल हुआ हो।

इतना ही अब भारत चीन के बढ़ते विवाद के बाद कई राज्य सरकारों ने भी चीन के ख़िलाफ़ क़दम उठाने शुरू कर दिए हैं, जैसे महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने निवेश की कुछ योजनाओं में चीन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, जिसकी हर तरफ़ काफ़ी सराहना की जा रही है।

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.