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जल्द ही Swiggy जरूरी सामानों की डिलीवरी के लिए कर सकता है अपने ‘निष्क्रिय बेड़े’ का इस्तेमाल: विवेक सुंदर, COO

जल्द ही Swiggy जरूरी सामानों की डिलीवरी के लिए कर सकता है अपने ‘निष्क्रिय बेड़े’ का इस्तेमाल: विवेक सुंदर, COO

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जैसा की सबकों पता है भारत में इस वक़्त 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित किया जा चुका है। और भले ही जरूरी सामानों और खाने की ऑनलाइन डिलीवरी करने वाली कंपनियों को इससे राहत दी गयी है। लेकिन इसके बाद भी देशभर में ये कंपनियां अपनी सेवाओं को लेकर संघर्ष करती नज़र आ रहीं हैं।

और इसी में एक नाम देश के सबसे बड़े फ़ूड डिलीवरी सेवा प्रदाताओं में से एक Swiggy का भी शुमार है। दरसल केंद्र सरकार की तमाम अपीलों के बाद भी Swiggy और Zomato दोनों ही अधिकांश भारतीय शहरों में अपना संचालन नहीं कर पा रहें हैं। और यहाँ तक कि उनके डिलीवरी बेड़े तक कर्मचारियों की कमी से जूझ रहें हैं।

लेकिन ऐसा लगता है कि इसके बाद भी Swiggy के मैनेजमेंट के हौसले वैसे ही बरक़रार हैं। और शायद यही कारण है कि इकॉनोमिक टाइम्स से बातचीत के दौरान Swiggy के COO विवेक सुंदर ने बताया कि कंपनी जरूरत पड़ने पर किराना जैसे जरूरी सामान की डिलीवरी के लिए अपने सभी निष्क्रिय लॉजिस्टिक बेड़े को तैनात करेगी।

आपको बता दें Swiggy पहले से ही देश के बहुत ही सीमित शहरों में किराने के सामानों की डिलीवरी संबंधी सेवा प्रदान करती है। साथ ही कंपनी ने हाल ही में इससे संबंधित एक पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत भी की थी, हालाँकि मौजूदा हालातों के चलते उसको अभी रोक दिया गया है।

इस बातचीत के दौरान Swiggy के COO विवेक सुंदर ने कहा;

“यह एक युद्ध काल जैसे हालात हैं। और इसलिए हम आवश्यकता के अनुसार कई शहरों में अपनी इस सेवा की शुरुआत सिर्फ 1 से 2 दिनों में ही कर सकतें हैं।”

लेकिन सबसे जरूरी बात जो उन्होंने कहीं वह यह कि सरकार को इस दिशा में जल्द से जल्द मंजूरी देने के लिए कदम उठाने चाहिए, जिसका अनुरोध कई ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा लगातार किया जा रहा ही।

साथ ही उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स सेवाओं के संचालन पर केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद भी कई राज्यों ने इन सेवाओं पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है। और जिन राज्यों में ये सेवाएं चालू भी हैं तो वहां पुलिस द्वारा कंपनियों के डिलीवरी पार्टनर्स को लॉकडाउन के उल्लंघन का कारण बताते हुए पीटने की भी खबरें सामने आयीं हैं।

इस बीच आपको बता दें सुंदर के अनुसार कंपनी के पूरे डिलीवरी बेड़े में से 80-85% वर्तमान में निष्क्रिय हैं, जिनका इस्तेमाल किराने की डिलीवरी के लिए किया जा सकता है। इस बीच एक आँकड़ो के बारे में आपको बता दें कि Swiggy इस लॉकडाउन से ठीक पहले एक दिन में करीब 1.5 मिलियन डिलीवरी कर रही थी।

दरसल स्वभाविक रूप से ई-कॉमर्स कंपनियों के बीच केंद्र सरकार द्वारा लगातार निर्देशों को स्पष्ट करने के चलते अब कुछ सहजता दिख रही है। शायद यही कारण है कि Flipkart Group के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने भी हाल ही में कंपनी की सेवाओं को फिर से शुरू करने का ऐलान किया। इस बीच आपको बता दें Flipkart घर के जरूरी सामान जैसे कि सफाई उपकरण, खाना पकाने के बर्तन आदि के ऑर्डर लेना शुरू कर चुका है। साथ ही यह रसद आदि के आर्डर भी ले रहा है।

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इस बीच Swiggy के COO सुंदर के मुताबिक वह भी  सरकार के साथ विभिन्न स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। Swiggy उन सभी शहरों में पुलिस आयुक्तों, राजनेताओं और नौकरशाहों के साथ चर्चा में रहा है, जहां कंपनी डिलीवरी का काम शुरू कर सकती है।

सुंदर ने इस विषय पर और बोलते हुए कहा;

“आर्डर कैंसिल होने की दर में 10 गुना वृद्धि रेस्टोरेंट में कम कर्मचारियों और डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा सामना की जा रही चुनौती को देखते हुए समान्य है। यहाँ तक कि बेंगलुरु जैसे शहरों में भी पुलिस द्वारा डिलीवरी पार्टनर्स को पीटा जा रहा है, जो इस समय परिचालन के लिहाज से सबसे अच्छा राज्य माना जाता है।”

साथ ही सुंदर ने यह भी कहा कि Zomato, Swiggy और अन्य ईकॉमर्स कंपनियों से वर्तमान में यह पूछा जाना चाहिए क्या राज्य पुलिस अधिकारियों द्वारा इस लॉकडाउन में फ़ूड आदि की डिलीवरी के लिए रेस्टोरेंट और डिलीवरी को स्वतंत्र रूप काम करने दिया जा रहा है या नहीं?

निश्चित रूप से उचित सावधानी और सामाजिक दूरी बनाये रखने की भी बेहद आवश्यकता है। लेकिन इस बीच सरकार के साथ बातचीत के चलते सुंदर को आशा है कि वह हफ्ते भर में डिलीवरी सेवाओं को सामान्य कर सकेंगें।

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