संपादक, न्यूज़NORTH
भारत के उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को एक आदेश जारी किया जिसमें देश में उड़ान भरने वाले सभी ड्रोनों को 31 जनवरी से पहले रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए कहा गया है।
इस दी गई समय सीमा से पहले देश में सभी मानवरहित हवाई वाहन या ड्रोन को डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म (http://digitalsky.dgca.gov.in) पर जाकर खुद को रजिस्टर करने के लिए कहा गया है।
यह निर्देश तब आया जब उड्डयन मंत्रालय के सामने देश में कई अपंजीकृत ड्रोनों के उड़ने की बात सामने आई, जो सीधे तौर पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन कर रहें हैं। साथ ही ऐसे कुछ मामलों में ड्रोनों के दुर्घटनाओं की भी खबरें सामने आई हैं।
यह कदम देश में ड्रोन की उड़ानों को रेगुलेट करने के लिए उठाया गया है। उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव एस के मिश्रा ने एक आदेश में कहा:
“सिविल ड्रोन और ड्रोन ऑपरेटरों की पहचान की सुविधा के लिए, ऐसे ड्रोनों और ड्रोन ऑपरेटरों को स्वैच्छिक रूप से रजिस्टर करने का एक मौका दिया जा रहा है।”
आपको बता दें इस स्वैच्छिक रजिस्ट्रेशन के बाद, इन सभी को ऑनलाइन जारी हुए Drone Acknowledgement Number (DAN) और Ownership Acknowledgement Number (OAN) प्रदान किये जायेंगें जो देश में इन ड्रोनों का सत्यापन करेगा।
हालाँकि अगर ऑपरेटर अगर नागरिक उड्डयन मानदंड को पूरा नहीं करता है, तो यह DAN या OAN नंबर भी उसको ड्रोन उड़ाने का अधिकार नहीं देते हैं। इसके साथ ही वैध DAN या OAN के बिना भारत में ड्रोन के स्वामित्व का दावा करने पर दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।
बता दें भारत सरकार ने भारतीय क्षेत्र को तीन क्षेत्रों- लाल, पीला और हरा में वर्गीकृत किया है। हरा (ग्रीन) ज़ोन का उपयोग किसी के द्वारा भी किया जा सकता है, वहीँ पीला ज़ोन नियंत्रित हवाई क्षेत्र है, जबकि रेड ज़ोन में उड़ान की अनुमति ही नहीं है।
दरसल यह रेड ज़ोन क्षेत्र हवाई अड्डों, सैन्य क्षेत्रों और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के करीब हैं। DGCA ने 2018 में जारी किए गए अपने नियमों में 250 ग्राम से 150 किलोग्राम तक वजन के आधार पर ड्रोन को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया था।
इस बीच उड्डयन मंत्रालय ने यह भी कहा कि मंत्रालय जल्द ही नियमों का दूसरा सेट भी लाएगा जो ड्रोन के संचालन को लाइन ऑफ़ साइट से परे उड़ान की अनुमति देगा।