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Twitter से पहले स्वदेशी विकल्प Koo पर सूचनाएँ और अपडेट प्रदान कर सकती है केंद्र सरकार

Twitter से पहले स्वदेशी विकल्प Koo पर सूचनाएँ और अपडेट प्रदान कर सकती है केंद्र सरकार

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बीते कुछ दिनों से क़िसान आंदोलन से जुड़े पोस्ट व अकाउंट को हटाने को लेकर Twitter और केंद्र सरकार के बीच तनातनी चल रही है। और इसका सीधा फ़ायदा हुआ है Twitter के स्वदेशी विकल्प के तौर पर उभरे ऐप Koo को।

लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि सरकार अधिकारिक तौर पर भी अब  अमेरिकी माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter के बजाए मेड इन इंडिया ऐप Koo को बढ़ावा देने का मन बना चुकी है।

असल में सामने आई कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत की केंद्र सरकार अब से हर जरूरी अपडेट और सूचनाओं को Twitter से पहले Koo ऐप पर प्रदान करेगी।

ज़ाहिर है ये क़दम देशवासियों को अधिक से अधिक Koo ऐप की ओर खींचने के काम आएगा। न्यूज़18 की एक रिपोर्ट की मानें तो केंद्र सरकार अपनी योजनाओं, सूचनाओं और अन्य तमाम अपडेटों को Koo ऐप पर प्रदान करती नज़र आएगी।

वहीं एक अन्य रिपोर्ट ये भी बताती है कि सरकार अब इस देसी प्लेटफ़ॉर्म को सूचनाएँ प्रदान करने के लिहाज़ से प्राथमिकता भी प्रदान करेगी।

अब आप सोच रहें होंगे, कि ठीक है सूचनाएँ और अपडेट Twitter से पहले Koo पर दी जाएगी, लेकिन आख़िर कितना पहले? तो इसका जवाब भी इन रिपोर्ट्स के ही ज़रिए ही सामने आया है, जिनमें कहा गया है कि सरकार Twitter पर अपडेट शेयर करने से करीब 2-3 घंटे पहले उन्हें Koo पर शेयर करेगी।

क्यों Twitter से ख़फ़ा है सरकार?

असल में कुछ समय पहले ही ये सामने आया था कि भारत सरकार ने Twitter को क़िसान आंदोलन से जुड़े 1,178 संदेहात्मक अकाउंट को बंद करने के लिए कहा था। लेकिन इसके बाद भले Twitter ने कुछ अकाउंट और पोस्ट हटाए, लेकिन कुछ को ‘फ़्री स्पीच’ का हवाला देते हुए हटाने से मना कर दिया था।

इसके पहले भी कंपनी ने 250 से अधिक अकाउंट और पोस्ट आदि को कुछ समय पहले प्लेटफ़ॉर्म से हटा दिया था, और वह भी कंपनी के अनुसार सरकार के निर्देश के किया गया था। सरकार का कहना था कि ये अकाउंट आदि #ModiPlanningFarmerGenocide जैसे हैशटैग के साथ किसानों को भड़काने का काम कर रहे थे।

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लेकिन जब प्लेटफ़ॉर्म पर इस बैन का तमाम लोगों ने विरोध दर्ज करवाना शुरू किया तो Twitter ने इनमें से कुछ अकाउंट को वापस से बहाल भी कर दिया था।

वहीं इन तमाम विवादों के बीच स्थानीय भाषाओं पर आधारित देसी माइक्रोब्लॉगिंग ऐप Koo तेज़ी से उठा और इसने हाल ही में ही लगभग ₹30 करोड़ का निवेश भी हासिल किया है।

आपको बता दें माइक्रोब्लॉगिंग स्टार्टअप Koo भारत सरकार द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर ऐप चैलेंज (Aatmanirbhar App Challenge) का विजेता भी रह चुका है और इसे 2020 में Google PlayStore के सर्वश्रेष्ठ दैनिक ऐप (Best Daily Essential App) के ख़िताब से भी सम्मानित किया जा चुका है।

ख़ैर! अब देखना दिलचस्प होगा कि Twitter और Koo ऐसे हालातों में किस तरह से एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते नज़र आएँगें और Twitter भारत में अपना उपयोगकर्ता आधार ऐसे संजोने की कोशिश करेगा? इस बीच Twitter ने आज ही ये ऐलान किया है कि वह जापान और ब्राज़ील के बाद अब भारत में अपना वॉयस मैसेज फ़ीचर रोलआउट करने जा रहा है।

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