संपादक, न्यूज़NORTH
FSSAI Food Safety Advisory For e-Commerce: हम सभी जानते हैं कि आज के समय ई-कॉमर्स या ऑनलाइन शॉपिंग सिर्फ चुनिंदा कैटेगरी तक सीमित नहीं है, बल्कि फूड और ग्रोसरी जैसे सेगमेंट में भी यह व्यापक रूप ले चुकी है। ऐसे में खाने-पीने की चीजों की ऑनलाइन बिक्री को लेकर अक्सर कई शिकायतें भी देखनें को मिलती रहती हैं। शायद यही वजह है कि भारत में ऑनलाइन बेचे जा रहे खाद्य उत्पादों से जुड़ी शिकायतों में वृद्धि के चलते भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने ई-कॉमर्स और फूडटेक कंपनियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
जी हाँ! इन नियमों का मकसद ग्राहकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और तमाम उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखना है। दिलचस्प रूप से FSSAI ने इन प्लेटफॉर्म्स को सख्ती से इन निर्देशों का पालन करने को कहा है, ताकि खाद्य उत्पादों की डिलीवरी में किसी प्रकार की लापरवाही न हो सके।
FSSAI Food Safety Advisory
प्राधिकरण के नए निर्देशों के तहत ई-कॉमर्स और फूडटेक कंपनियों को अपने लास्ट-मील डिलीवरी कर्मचारियों को खाद्य सुरक्षा (फूड सेफ्टी) और स्वच्छता के लिहाज से ट्रेनिंग को प्राथमिकता देने को कहा है। यह ट्रेनिंग कर्मचारियों को खाद्य उत्पादों के सुरक्षित हैंडलिंग और ट्रांसपोर्टेशन की जानकारी देगी, जिससे कंटामिनेशन व अन्य समस्याओं से बचा जा सके। इतना ही नहीं बल्कि इन कर्मचारियों को व्यक्तिगत स्वच्छता और सही सैनिटाइजेशन प्रक्रियाओं को भी सिखाने के निर्देश दिए हैं।
न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!
FSSAI ने इन तमाम कंपनियों को निर्देशित किया है कि खाद्य और गैर-खाद्य उत्पादों को अलग-अलग डिलीवर किया जाए। ऐसा करने से क्रॉस-कंटामिनेशन का जोखिम खत्म होगा और उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा। साथ ही खाने की चीजों की ताजगी बनाए रखने के लिए FSSAI ने निर्देश दिया है कि डिलीवरी के समय खाद्य उत्पादों की न्यूनतम शेल्फ लाइफ 30% या कम से कम 45 दिन शेष होनी चाहिए।
अन्य निर्देश
इतना ही नहीं बल्कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध सभी विक्रेता FSSAI लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ पंजीकृत हों। जानकारी के मुताबिक, FSSAI को ऐसी भी कई शिकायतें मिली थीं कि ऑनलाइन बाजार में कई गैर-पंजीकृत विक्रेता भी खुलेआम फूड आइटम्स बेंच रहे हैं।
FSSAI ने निर्देश दिया है कि किसी भी प्लेटफॉर्म पर उत्पाद से जुड़े दावे केवल उसी जानकारी पर आधारित हों, जो उत्पाद की असल लेबलिंग पर मौजूद है। बिना प्रमाणित दावों को प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे उपभोक्ताओं को गुमराह होने से बचाया जा सकेगा और उत्पादों की प्रामाणिकता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
दिलचस्प रूप से FSSAI की ये नई एडवाइजरी ऐसे समय में आई है जब कुछ ही दिनों पहले खाने-पीने की चीजों के संबंध में कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की लापरवाही देखने को मिली थी। असल में सामने आई ख़बरों के अनुसार, Zomato के एक गोदाम में मौजूदा तारीख़ से आगे की ‘पैकिंग डेट’ वाले मशरूम के पैकेट पाए गए। इसके अलावा जून 2024 में Blinkit के एक गोदाम में गंदगी आदि का मामला सामने आया था।
‘बहुसंख्यकों के हिसाब से चलेगा कानून’ बोलने वाले जज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने शुरू की जांच