Religious punishment to Sukhbir Singh Badal: शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को पंजाब में अकाली दल की सरकार रहते हुए राज्य में कुछ फैसलों को लेकर धार्मिक रूप से अपराधी मानते हुए सिख समाज की सर्वोच्च धार्मिक संस्था श्री अकाल तख्त साहिब में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में पांच सिख साहिबानों की बैठक में सजा सुनाई गई है। उन्हें अपनी सजा के तौर में शौचायलों की एक घंटा सफाई के अलावा लंगर की सेवा करना होगा। जिसमें जूठे बर्तनों की सफ़ाई भी शामिल है।
सजा डेरा सच्चा सौदा वाले बाबा राम रहीम से जुडी
सुखबीर सिंह बादल को पांच सिख साहिबानों ने सजा उनकी सरकार रहते हुए बाबा राम रहीम को एक मामले में बरी करने के आरोप में सुनाई गई है, उन्होंने बैठक में अपनी ग़लती ख़ुद स्वीकार की जिसके बाद उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब में जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में धार्मिक सजा सुनाया गया हैं।
अपने कार्यकाल के दौरान सुखबीर सिंह बादल और उनके कैबिनेट मंत्रियों को गलत राजनीतिक निर्णय लेने का दोषी पाया गया है। इसमें डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम को माफी देने का भी आरोप है। बता दे, यह पूरा मामला 2007 में गुरमीत राम रहीम का सिखों के गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की तरह वेशभूषा पहनकर लोगों को अमृत चखाने का प्रयास किया था। इस मामले में राम रहीम के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया, लेकिन अकाली सरकार ने राम रहीम के खिलाफ केस वापस ले लिया था।
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स्वर्ण मंदिर के गेट पर देना होगा पहरा
सजा के तौर में सुखबीर सिंह बादल से फखर-ए-कौम सम्मान वापस लिया गया है, इसके साथ ही तनखाह (सजा) के दौरान उन्हें गले में तख्ती लटका कर रखना पड़ेगा। पांच सिख साहिबानों ने उनके पैर के अंगूठे में फ्रैक्चर होने की वजह से, और पूर्व सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा जिनकी उम्र ज्यादा है, दोनों को स्वर्ण मंदिर के गेट पर एक घंटा व्हील चेयर पर बैठकर पहरा देने की सजा सुनाई है, वही अन्य अकाली नेता और उस वक्त सरकार में शामिल मंत्रियों को एक घंटा लंगर में जाकर बर्तन धोने की सजा सुनाया (Religious punishment to Sukhbir Singh Badal) गया है।