संपादक, न्यूज़NORTH
Manipur Violence Latest Update: भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में एक बार फिर जातीय हिंसा ने जोर पकड़ लिया है, जिससे कई जिलों में तनावपूर्ण स्थिति बन गई है। मुख्य रूप से मेइतेई और कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से चल रहे इस संघर्ष में हाल ही में जिरीबाम जिले में 6 लोगों के शव मिलने के बाद हिंसा की लहर एक बार फिर तेज हो गई है। सामने आ रही जानकारी के अनुसार, शनिवार को बराक नदी से 3 बच्चों समेत 6 लोगों के शव मिलने की खबर मिलते ही जिरीबाम जिले में तनाव फैल गया।
इस घटना ने स्थानीय निवासियों में आक्रोश उत्पन्न कर दिया और बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतर आए। इसके बाद विरोध-प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं बढ़ने लगीं। रविवार रात को भड़के हिंसक प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारियों ने कई राजनीतिक जैसे बीजेपी और कांग्रेस के कार्यालयों और नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया।
Manipur Violence Latest Update: बढ़ा तनाव
रविवार रात जिरीबाम के बाबूपारा इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा की गई गोलीबारी तक करनी पड़ी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान एक 20 वर्षीय युवक – अथौबा की मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। बताया जा रहा है, पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गोलीबारी की, जिससे घटना और भड़क उठी। हिंसा के दौरान स्थानीय पुलिस स्टेशन से महज 500 मीटर की दूरी पर भाजपा और कांग्रेस के कार्यालयों पर हमला हुआ, जिनमें आगजनी की गई।
जिरीबाम में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसक भीड़ ने भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के घरों पर भी हमले किए। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के रिश्तेदारों के घर और अन्य मंत्रियों के निवास स्थानों पर भी हमला किया गया। इस हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों और विधायकों के घरों को आग के हवाले किया और उनमें तोड़फोड़ की। इससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
#WATCH मणिपुर में हाल ही में तनावपूर्ण स्थिति के मद्देनजर इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व में कर्फ्यू लागू किया गया है।
सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम देखी गई। मुख्यमंत्री आवास और राजभवन के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। pic.twitter.com/NeGBkaJayh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 18, 2024
अमित शाह ने बुलाई आपात बैठक
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें पूर्वोत्तर संभाग के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय गृह सचिव, इंटेलिजेंस ब्यूरो और अर्धसैनिक बलों के अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए रणनीति तैयार करना है।
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मणिपुर सरकार ने हिंसा को फैलने से रोकने के लिए कुछ संवेदनशील जिलों में इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया है। इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। इस कदम से हिंसा को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है, ताकि गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार को रोका जा सके।
Manipur Violence Latest Update: NIA करेगा जांच
मणिपुर में हाल ही की हिंसा के मामलों को देखते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 3 प्रमुख मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली है। इस संघर्ष में उग्रवादियों द्वारा ड्रोन और रॉकेट लांचर्स जैसे अत्याधुनिक हथियारों के उपयोग की खबरें भी सामने आई हैं।
यह हिंसा मुख्य रूप से भूमि अधिकार, आरक्षण और प्रशासनिक नियंत्रण जैसे मुद्दों पर केंद्रित बताई जा रही है। लेकिन मुख्यतः मणिपुर में यह संघर्ष जातीय और सांस्कृतिक मतभेदों पर आधारित है। मेइतेई समुदाय, जो मुख्य रूप से घाटी क्षेत्र में रहता है, भूमि अधिकार और आरक्षण में अपने विशेषाधिकारों को बनाए रखने की मांग कर रहा है। वहीं कुकी समुदाय के लोग पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं और वे कथित तौर पर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
बीजेपी के सहयोगी दल भी नाराज
मणिपुर में भाजपा की सहयोगी नेशनलिस्ट पीपल्स पार्टी (NPP) ने राज्य सरकार से समर्थन वापस ले लिया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि सहयोगी दल राज्य की वर्तमान स्थिति से संतुष्ट नहीं हैं। हालांकि, राज्य सरकार पर इसका सीधा असर नहीं पड़ेगा। लेकिन इतना साफ़ है कि बीजेपी की शांति बहाली की कोशिशों को लेकर सहयोगी दलों में असंतोष बढ़ रहा है।