Instructions to identify illegal immigrants in Delhi: राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से विदेशी नागरिकों को उपस्थिति में लगाने के लिए दिल्ली पुलिस जल्द एक अभियान शुरू कर सकती है। दिल्ली में अवैध तौर में रोहिंग्या और अन्य विदेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या से चिंतित दिल्ली के LG ने पुलिस को अवैध आप्रवासियों का पता लगाने और उनके ऊपर नियमबद्ध तरीके से कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। LG ऑफिस द्वारा दिल्ली के मुख्य सचिव, पुलिस कमिश्नर, MCD कमिश्नर और NDMC अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए अलर्ट रहने का निर्देश दिए गए है।
रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पहचान
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली पुलिस को राजधानी में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की पहचान करने को कहा है, LG ने पुलिस को एक महीने तक विशेष अभियान चलाने का भी आदेश दिया है। उक्त निर्देश हाल में अवैध रूप से अप्रवासी नागरिकों की बढ़ती संख्या मामले के संज्ञान में आने के बाद लिया गया है। पत्र में कहा गया है कि ऐसी खबरें हैं कि अवैध अप्रवासियों के पहचान दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर ID कार्ड आदि को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तैयार करने और हेरफेर करने की प्रक्रिया अपनाने के प्रयास चल रहे हैं।
राजधानी में विधानसभा चुनाव नज़दीक
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के निर्देश विधानसभा चुनावों के पूर्व में आने को लेकर अब राजनीति भी गरमा रही है। क्योंकि देखा गया है कि बीजेपी अक्सर दिल्ली में सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी में आरोप लगाती आई है कि आप अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को बचाने का काम करती है। जिसे उसे चुनावी लाभ मिल सकें वहीं इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी ने उल्टा अब दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के अवैध बाहरी नागरिकों के लिए दिए गए निर्देशों के बाद बीजेपी के ऊपर सवाल खड़े कर दिए है।
आम आदमी पार्टी ने LG के निर्देशों के बाद उक्त मामलों में टिपण्णी में कहा, “बीजेपी केवल राजनीतिक लाभ के लिए अवैध प्रवासियों के मुद्दे का इस्तेमाल करती है, इस बात की गहन जांच होनी चाहिए कि अवैध प्रवासी हमारे देश में कैसे प्रवेश कर रहे हैं। इसके लिए सीधे तौर पर अमित शाह और केंद्रीय गृह मंत्रालय (Instructions to identify illegal immigrants in Delhi) जिम्मेदार हैं”।
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बकौल दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस एक महीने तक अवैध प्रवासियों की पहचान करेगी और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर आगे की कार्रवाई करेगी, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सभी सरकारी एजेंसियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि राजधानी में किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अवैध कब्जा नहीं होना चाहिए।