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सरकार ने कॉर्पोरेट्स के लिए ‘आयकर रिटर्न’ दाखिल करने की समय सीमा 15 दिन बढ़ाई

सरकार ने कॉर्पोरेट्स के लिए ‘आयकर रिटर्न’ दाखिल करने की समय सीमा 15 दिन बढ़ाई

  • आयकर विभाग का बड़ा फैसला, कॉर्पोरेट्स के लिए खुशख़बरी
  • आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 15 दिन बढ़ाई गई
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Government Extends Corporate Tax Filing Deadline: भारतीय आयकर विभाग ने कॉरपोरेट्स के लिए एक बड़ी राहत दी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 या असेसमेंट वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 15 दिन बढ़ाकर अब 15 नवंबर 2024 कर दी गई है। पहले यह समय सीमा 31 अक्टूबर थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है। यह फैसला त्योहारी सीजन और अनुपालन की जटिलताओं को देखते हुए लिया गया है, जिससे कंपनियों को अतिरिक्त समय मिल सके।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस संबंध में एक आधिकारिक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निर्धारित आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 15 दिन बढ़ाई गई है, जिससे अब अंतिम तिथि 15 नवंबर 2024 होगी। इससे कॉरपोरेट टैक्सदाताओं को अपने फाइलिंग की प्रक्रिया में अधिक आसान और सटीकता के साथ अनुपालन करने का मौका मिल सकेगा।

यह महत्वपूर्ण है कि यह विस्तार सभी टैक्स फॉर्म्स और रिपोर्ट्स पर लागू नहीं होगा। कुछ जानकारों के अनुसार, यह विस्तार केवल आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए है और कुछ विशेष फॉर्म्स और रिपोर्ट्स के लिए समय सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट ,फॉर्म 3CEB, फॉर्म 10DA आदि फॉर्म्स और दस्तावेजों के लिए अंतिम तिथि अब भी 31 अक्टूबर 2024 ही रहेगी।

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Corporate Tax Filing Deadline

सीबीडीटी द्वारा यह फैसला वैसे तो मुख्य रूप से त्योहारी सीजन में आने वाली अनुपालन की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जाहिर है, यह विस्तार टैक्सदाताओं को अनुपालन के प्रति ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा और उन्हें अंतिम समय की जल्दबाजी से राहत मिलेगी।

दिलचस्प रूप से यह दूसरा मौका है जब सीबीडीटी ने इस साल टैक्सदाताओं के लिए समय सीमा में विस्तार किया है। इससे पहले सितंबर 2024 में, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (TAR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को 7 दिन बढ़ाकर 7 अक्टूबर किया गया था। ऐसा लगता है कि सीबीडीटी लगातार टैक्सदाताओं की जरूरतों को समझते हुए समय सीमा में सुधार कर रहा है।

देश में आयकर रिटर्न दाखिल करना न केवल एक कानूनी अनिवार्यता है बल्कि यह किसी भी कॉर्पोरेट कंपनी के लिए वित्तीय पारदर्शिता का प्रमाण भी है। सही समय पर रिटर्न फाइल करना कंपनियों की वित्तीय स्थिरता और उनकी साख को बढ़ाता है। इतना ही नहीं बल्कि समय रहते फाइलिंग करने से विभिन्न प्रकार की टैक्स राहतें और लाभ भी मिल पाते हैं।

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