No auction of satellite spectrum in India: भारत में लंबे समय से चले आ रही सैटलाइट स्पेक्ट्रम को लेकर नीलामी की जानी है या फिर स्पेक्ट्रम को भारतीय कानूनों के अनुसार प्रशासकीय रूप से आवंटित किया जाएगा इन बातों में विराम लगाते हुए भारत सरकार की ओर से दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में स्पष्ट किया गया कि स्पेक्ट्रम को भारतीय कानूनों के अनुसार प्रशासकीय रूप से आवंटित किया जाएगा और इसकी कीमत टेलीकॉम नियामक द्वारा तय की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘अगर आप इसे नीलामी करने का फैसला करते हैं, तो आप कुछ ऐसा कर रहे होंगे जो बाकी दुनिया से अलग होगा।’
भारतीय कंपनियों की सैटलाइट स्पेक्ट्रम को लेकर नीलामी की मांग
आपकों बता दे, मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल जैसे भारतीय उद्योगपति की दूरसंचार कंपनी की मांग थी कि केंद्र सरकार सैटलाइट स्पेक्ट्रम पुराने दूरसंचार परिचालकों को समान अवसर देने के लिए नीलामी के जरिये सैटलाइट स्पेक्ट्रम को नीलाम करें लेकिन अमेरिका के मशहूर उद्योगपति एलन मस्क ने नीलामी प्रक्रिया का विरोध किया था। भारतीय उद्योगपतियों की मांग को अभूतपूर्व बताते हुए निशाना साधा था।
मस्क की आलोचना के बाद भारत सरकार का बयान
मस्क ने सैटलाइट स्पेक्ट्रम को लेकर नीलामी वाली बात को लेकर आलोचना की थी, जिसके बाद दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान आया है। जहां भारतीय दूरसंचार कंपनी सैटलाइट स्पेक्ट्रम की नीलामी की मांग कर रही थी वही दूसरी ओर मस्क की अगुवाई वाली स्टारलिंक वैश्विक रुख के अनुरूप उपग्रह-आधारित संचार के लिए लाइसेंसों का प्रशासनिक आवंटन किये जाने की मांग कर रही थी, स्टारलिंक दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते मोबाइल टेलीफोन और इंटरनेट बाजार भारत में कदम रखने की योजना बना रही है।
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दूरसंचार मंत्री की ओर से दिया गया बयान कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिए नहीं बल्कि प्रशासनिक तौर पर करेगी। इस फैसले पर एलन मस्क ने खुशी भी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हम स्टारलिंक के साथ भारत के लोगों की सेवा करने की पूरी कोशिश करेंगे। वही दूसरी ओर अब मुकेश अंबानी और सुनील भारती मित्तल जैसे भारतीय उद्योगपति का रूख इस मुद्दे में क्या रहता है, वह अभी सामने (No auction of satellite spectrum in India) नहीं आया है।