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सरकार ला रही है ‘ई-कॉमर्स नियमों’ में बड़े बदलाव, बैन होगी ‘फ़्लैश सेल’ और नियुक्त करना होगा ‘चीफ कंप्लायंस ऑफ़िसर’

सरकार ला रही है ‘ई-कॉमर्स नियमों’ में बड़े बदलाव, बैन होगी ‘फ़्लैश सेल’ और नियुक्त करना होगा ‘चीफ कंप्लायंस ऑफ़िसर’

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E-Commerce Flash Sale Ban: भारत सरकार ने ई-कॉमर्स बिज़नेस में बीतें कुछ समय से रिटेल विक्रेताओं द्वारा की जा रही शिकायतों आदि को देखते हुए अब ऑनलाइन कॉमर्स सेगमेंट के दुरुपयोग और अनुचित तरीक़े से दी जा रही भारी छूट/ऑफ़र्स को लेकर देश में Amazon और Flipkart सहित सभी ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस के लिए नियमों को सख्त करने का मन बनाया है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा सुझाए गए उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 [Consumer Protection (E-commerce) Rules, 2020] में हुए नए संशोधन के अनुसार, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर ‘फ्लैश सेल बैन’ (Flash Sale Ban) करने जैसे प्रस्तावों को रखा गया है।

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लेकिन इतना साफ़ कर दें कि इन प्रस्तावित नियमों में प्लेटफॉर्म पर थर्ड-पार्टी सेलर की फ्लैश सेल को बैन करने की बात नहीं की गई है। इसके ज़रिए केवल विशेष फ़्लैश सेल या बैक-टू-बैक सेल की अनुमति न दिए जाने की बात सामने आई है।

Govt decided to ban e-commerce Flash sale?

बता दें खाद्य और उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने 21 जून को एक बयान जारी करते हुए ई-कॉमर्स को लेकर इन ड्राफ्ट नियमों के प्रस्ताव की जानकारी दी।

इस दौरान इस बात को साफ़ करने की कोशिश की गई कि प्रस्तावित नियमों के तहत उन ‘फ्लैश सेल’ पर लगाम लागने की कोशिश की जा रही है, जिनमें प्लेटफ़ॉर्म ग़लत तरीक़ों से कुछ चुनिंदा सेलर्स को फ़ायदा पहुँचानें की कोशिश करते हैं।

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इसके साथ ही नए प्रस्तावित नियमों के अनुसार ई-कॉमर्स कंपनियों को किसी भी तरीक़े से क़ानूनी उल्लंघन का पता लगने पर जांच और अभियोजन के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा आदेश मिलने पर 72 घंटे के भीतर उसका जवाब देना होगा।

याद दिला दें पिछले साल जुलाई में Consumer Protection (E-commerce) Rules, 2020 को पहली बार सरकार द्वारा अधिसूचित किया गया था। अगर कोई कंपनी इन नियमों का उल्लंघन करती है तो उसके ख़िलाफ़ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत दंडात्मक का भी प्रावधान है।

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ई-कॉमर्स कंपनियों को भी नियुक्त करना होगा, चीफ कंप्लायंस ऑफ़िसर

नए प्रस्तावित नियमों के अनुसार हर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को एक चीफ कंप्लायंस ऑफ़िसर नियुक्त करना होगा। साथ ही सरकार अब किसी व्यक्तिगर सेलर के खरीदे गए सामान या सर्विस को डिलीवर न कर पाने की स्थिति में भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को जवाबदेह बनाने की तैयारी कर रही है।

ई-कॉमर्स नीतियों को लेकर आप भी भेज सकते हैं अपने सुझाव

दिलचस्प बात ये है कि सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) में रजिस्टर करवाने की योजना भी बना रही है।

इस बीच प्रस्तावित संशोधनों पर विचार/टिप्पणियां/सुझाव देश की जनता द्वारा भी 15 दिनों के भीतर यानि 6 जुलाई, 2021 तक ईमेल (js-ca@nic.in) द्वारा भेजे जा सकते हैं।

Amazon और Flipkart के ख़िलाफ़ CCI की जाँच

ये सब ऐसे वक़्त में आया है, जब Amazon और Flipkart के ख़िलाफ़ बाज़ार में अपनी लोकप्रियता का ग़लत इस्तेमाल और चुनिंदा सेलर्स को फ़ायदा पहुँचाने के आरोपों में CCI द्वारा जाँच की जा रही है, और जिसको कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी मंज़ूरी दे दी है। लेकिन इन कंपनियों ने फ़िलहाल इस आदेश को चुनौती दी है।

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