Emergency medicine medical colleges: NMC (national medical commission) ने भारत में मौजूद तामम मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खोलने और एमडी इन इमरजेंसी मेडिसिन का कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। सर्जरी के साथ मेडिसिन विभाग के डॉक्टर भी आपातकालीन सेवा में मरीजों का इलाज कर सकेंगे। NMC के प्रस्ताव में आपदा के समय मरीजों के उपचार गंभीर तौर में उपचार के लिए लोगों के जान बचाने के लिए मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों को ट्रेनिंग दिए जानें की बात कही गई हैं।
एमडी इन इमरजेंसी मेडिसिन कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव
एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग खोलने और एमडी इन इमरजेंसी मेडिसिन का कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। एनएमसी के प्रस्ताव के बाद एसकेएमसीएच (Shree Krishna Medical College and Hospital) की प्राचार्य प्रो. डॉ आभा रानी सिन्हा ने कहा है कि एसकेएमसीएच में भी इमरजेंसी मेडिसिन खोलने पर विभागाध्यक्ष से बात की जाएगी।
एमडी इन इमरजेंसी मेडिसिन के छात्रों के कोर्स में क्या?
इस कोर्स में पूरी तरह फिजियोलॉकली स्टेबल मरीज की तेजी से देखभाल करना। इमरजेंसी डिपार्टमेंट में सभी उम्र के बच्चों, उनके विकास के सभी स्टेज के बच्चों और बहुत बीमार बच्चों की देखभाल करना। छात्रों को अस्पताल-पूर्व देखभाल, इमरजेंसी घाव मैनेजमेंट, पलमोनिरी इमरजेंसी, पेट में गैस संबंधी इमरजेंसी, इंवायरमेंटल चोटें, स्किन डिस्ऑर्डर, ट्रॉमा मैनेजमेंट, एब्यूज और असॉल्ट मैनेजमेंट आदि जैसी इमरजेंसी में दक्षताएं हासिल करने में मदद मिलेगी।
इस नए कोर्स के लिए एनएमसी ने कहा है कि मेडिसिन विभाग के डॉक्टर गंभीर मरीजों का सिर्फ इलाज ही नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी स्थिर करेंगे। आपातकालीन स्थिति में मरीज बहुत बेचैन रहता है। इसलिए डॉक्टरों का पहला काम मरीज को दिमागी तौर पर शांत करना होगा।
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गौरतलब हो, इससे पहले NMC ने हर डॉक्टर की एक अलग पहचान के लिए उन्हें एक यूनिक आईडी नंबर जारी किए जानें की बात कही थी। सरकार ने सभी डॉक्टरों के लिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर (NMR) में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। डॉक्टरों को MBBS सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन और आधार कार्ड सबमिट करना होगा। इस पोर्टल को नेशनल मेडिकल (Emergency medicine medical colleges) कमीशन ने तैयार किया है।