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रतन टाटा के बाद Noel Tata बने Tata Trusts के नए चेयरमैन: रिपोर्ट

रतन टाटा के बाद Noel Tata बने Tata Trusts के नए चेयरमैन: रिपोर्ट

  • Tata Trusts द्वारा नोएल टाटा को नया चेयरमैन नियुक्त किए जाने की खबर
  • अब तक Noel Tata और Mehli Mistry के नाम पर थी चर्चा
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Noel Tata Appointed As New Chairman of Tata Trusts: टाटा ग्रुप के प्रसिद्ध ट्रस्ट, Tata Trusts ने 67 वर्षीय नोएल टाटा को सर्वसम्मति से चेयरमैन नियुक्त किया है। यह निर्णय मुंबई में आयोजित एक बैठक में लिया गया, जिसमें टाटा ट्रस्ट के प्रमुख सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस जानकारी का खुलासा CNBC TV18 चैनल की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से हो सका है। बता दें, नोएल टाटा अपने सौतेले भाई रतन टाटा के निधन के बाद यह ज़िम्मेदारी संभालेंगे।

बीतें 9 अक्टूबरको 86 वर्ष की आयु में रतन टाटा का निधन हो गया। रतन टाटा ने लंबे समय तक पूरे ग्रुप की बागडोर संभाली, हालाँकि इस दौरान उन्होंने किसी उत्तराधिकारी का नाम नहीं दिया था। ऐसे में माना जा रहा है कि बैठक में नोएल टाटा इस प्रमुख पद के लिए पहली पसंद बनकर उभरे और सभी ने आपसी सहमति से उन्हें चेयरमैन नियुक्त किया।

गौर करने वाली बात ये है कि नोएल टाटा के पास भी नेतृत्व का व्यापक अनुभव रहा है। वे पहले से ही Trent के चेयरमैन हैं, जो टाटा ग्रुप की ही रिटेल इकाई है। उनके नेतृत्व में Trent के शेयर पिछले एक दशक में 6,000% तक बढ़ चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने 2010 से 2021 तक Tata International का नेतृत्व भी किया था, जिस दौरान कंपनी का राजस्व $500 मिलियन से बढ़कर $3 बिलियन तक पहुंच गया।

Tata Trusts के नए चेयरमैन – Noel Tata

नोएल टाटा न केवल Tata Steel और Voltas जैसी प्रमुख टाटा ग्रुप की कंपनियों के बोर्ड सदस्य हैं, बल्कि उनके बच्चे – माया, नेविल और लिया – भी परिवार से जुड़ी चैरिटी संगठनों के ट्रस्टी के रूप में काम कर रहे हैं। कई रिपोर्ट्स में जानकार मानते हैं कि अब यही टाटा परिवार की विरासत को आगे बढ़ाते नजर आ सकते हैं। वैसे अब तक मेहिल मिस्त्री (Mehli Mistry) को भी चेयरमैन पद की रेस में गिना जा रहा था।

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हम सभी जानते हैं कि रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की और उनकी कोई संतान नहीं थी। टाटा ग्रुप एक 150 साल पुराना व्यापारिक साम्राज्य है, जिसकी जड़ें दुनिया भर में फैली हुई हैं। 100 से अधिक देशों में व्यापार करने वाला यह ग्रुप अब $403 बिलियन की भारी वैल्यूएशन पर आँका जाता है। वहीं Tata Trusts की स्थापना 1892 में नोएल और रतन टाटा के परदादा जमशेदजी टाटा ने की थी, जिनका उद्देश्य परोपकारी कार्यों आदि को बढ़ावा देना था।

नोएल टाटा अब इस विरासत को और आगे बढ़ाने का जिम्मा संभालेंगे। ये इसलिए भी अहम है क्योंकि Tata Trusts की टाटा ग्रुप में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका है। यह ट्रस्ट न केवल ग्रुप की होल्डिंग कंपनी Tata Sons का प्रमुख हिस्सा है, बल्कि समाज में विभिन्न परोपकारी और सामुदायिक विकास कार्यों का भी नेतृत्व करता है।

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