Ban on sale of firecrackers in Gurugram: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में प्रशासन ने बेरियम साल्ट वाले पटाखों की बिक्री में पूर्ण रूप से पाबंदी लगा दी है। उक्त पाबंदी जिले में 22 अक्टूबर से शुरू होकर आने वाले साल की 31 जनवरी तक लागू रहेगी। जिला प्रशासन ने उक्त फैसला क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लिया है। गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा है कि एयर क्वॉलिटी को बेहतर बनाए रखने के लिए बेरियम सॉल्ट वाले पटाखों के उत्पादन, बिक्री और पटाखे जलाने पर रोक लगाई गई है। इस दौरान ग्रीन पटाखे भी एक सीमा के भीतर ही चलाए जा सकेंगे, क्योंकि प्रदूषण इनसे भी बढ़ता है।
सांस रोगियों की परेशानी को ध्यान रखकर लिया फैसला
दीवाली, क्रिसमस, गुरुपर्व के मौके में सीमित समय के लिए ग्रीन पटाखों को जलाएं जानें की अनुमति दी जायेगी, क्योंकि ग्रीन पटाखे की वजह से भी प्रदूषण बढ़ता है। डीसी ने आदेश जारी किया है कि दीवाली और गुरुपर्व के दिन रात आठ से दस बजे तक ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकते हैं। इसी तरह से क्रिसमिस से एक दिन पहले रात को 11:55 से 12:30 बजे तक ग्रीन आतिशबाजी की जा सकती है।
गुरुग्राम के डीसी निशांत कुमार यादव ने अपने आदेश में शीर्ष अदालत का भी जिक्र किया जिसमें अधिक मात्रा में पटाखों के उपयोग से वातावरण दूषित होता है। इससे सांस के रोगियों को काफी तकलीफ होती है। सरकार के दिशा-निर्देश व हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सुझाव पर अमल करते हुए पटाखों की बिक्री व उत्पादन में प्रतिबंध लगाया गया है।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, विस्फोटक अधिनियम के तहत जारी किए आदेश में जिलाधीश ने कहा है कि जोर की आवाज करने वाले पटाखे तथा पटाखों की लड़ियां आदि के उत्पादन तथा बेचने पर रोक रहेगी।
पटाखों की बिक्री में रखी जाएगी नजर
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स पर निगरानी रखेंगे। वही पुलिस, नगर निगम, अग्निशमन व पंचायत विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि बाजारों में पटाखों की बिक्री न हो और कहीं भी पटाखे न बनाए जाएं। मार्केट में यदि कोई पटाखों की बिक्री कर भी रहा है, तो यह सुनिश्चित किया जायेगा कि वह सिर्फ़ ग्रीन पटाखे ही हो। बेरियम साल्ट वाले पटाखों की बिक्री करने वाले लोगों के ऊपर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।