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क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म के बंद होने के बाद Telegram ला रहा है एक विज्ञापन प्लेटफ़ॉर्म

क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म के बंद होने के बाद Telegram ला रहा है एक विज्ञापन प्लेटफ़ॉर्म

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WhatsApp के लोकप्रिय प्रतियोगी Telegram इस साल काफ़ी तेज़ी से बढ़ता नज़र आएगा। यही वजह रही कि इस साल इसने 500 मिलियन उपयोगकर्ताओं का भी आँकड़ा छू लिया।

और अब इसके संस्थापक Pavel Durov ने क्रिप्टोकरेन्सी प्लेटफ़ॉर्म की योजना फेल होने के बाद एक विज्ञापन प्लेटफ़ॉर्म शुरू करने का मन बनाया है। इसके ज़रिए कंपनी अगले साल से कमाई या कहें तो राजस्व उत्पन्न करने की उम्मीद में है।

आपको बता दें ये मैसेजिंग सेवा क़रीब 7 सालों से बाज़ार में है और इसने भारत में भी काफ़ी प्रमुख संख्या में उपयोगकर्ताओं के बीच जगह बना ली है। लेकिन अब तक इसके बिज़नेस के लिए पैसा संस्थापक द्वारा ही लगाया जाता रहा है।

पर अब ये स्टार्टअप भी राजस्व की तलाश में है। और इसी कड़ी में कंपनी की योजना अब एक पब्लिक वन-टू-मैनी चैनलों के लिए विज्ञापन-प्लेटफ़ॉर्म शुरू करने की है। इस बीच कंपनी के संस्थापक की मानें तो ये प्लेटफॉर्म उपयोगकर्ता के अनुकूल है, और उनकी प्राइवेसी आदि का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।

दरसल यह क़दम हमें सर्वर और ट्रैफ़िक की लागतों को कवर करने में मदद करेगा। Telegram के संस्थापक ने अपने नोट में लिखा;

“अगर हम बड़े पब्लिक वन-टू-मैनी चैनलों को विज्ञापन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से कमाई के लिए इस्तेमाल करते हैं तो इन चैनलों के मालिकों को उनके साइज़ के अनुपात में मुफ्त ट्रैफ़िक प्राप्त होगा। इसके साथ ही एक तरीका यह भी है कि प्लेटफ़ॉर्म कई नई सेवाओं के साथ जैसे प्रीमियम स्टिकर आदि के जरिए राजस्व कमाने की कोशिश करे।”

“कई बाजारों में ऐसे चैनलों के मालिक पैसे कमाने के लिए विज्ञापन दिखाते हैं, कभी-कभी थर्ड पार्टी के विज्ञापन प्लेटफार्मों का उपयोग भी करते हैं। उनके द्वारा पोस्ट किए जाने वाले विज्ञापन नियमित संदेशों की तरह दिखते हैं।”

“हम पब्लिक-टू-मैनी चैनलों के लिए अपने स्वयं के विज्ञापन प्लेटफ़ॉर्म को शुरू करके इसे ठीक करना चाहते हैं, जो कि उपयोगकर्ता के अनुकूल हो और उनकी प्राइवेसी का भी सम्मान करे। इसके ज़रिए हम सर्वर और ट्रैफ़िक की लागत को कवर कर सकेंगें।”

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इस बीच उन्होंने यह भी साफ़ किया कि वह WhatsApp की तरह Telegram को बेचने का मन नहीं बना रहें हैं और उपयोगकर्ताओं को यह भी सुनिश्चित किया कि यह एक स्वतंत्र प्लेटफ़ॉर्म के हक़दार बने रहेंगे। साथ ही उनकी माने तो यह परिवर्तन सहज होगा और उपयोगकर्ताओं द्वारा ऐप के इस्तेमाल में कोई बाधा नहीं डालेगा।

दरसल इसके पहले कुछ विश्लेषकों का दावा था कि कंपनी अपने ब्लॉकचेन टोकन प्रोजेक्ट के ज़रिए पैसा कमाने की कोशिश कर सकती है।

लेकिन इस साल की शुरुआत में यह सेवा कानूनी मुसीबतों के चलते बंद कर दी गई, और इतना ही नहीं बल्कि Telegram ओर अमेरिकी के आयोग द्वारा $18.5 मिलियन का जुर्माना भी लगाया गया। इसके बाद से ही कमाई के उस विकल्प को लेकर रास्ता बंद हो गया।

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