New transfer policy for Bihar teachers: बीपीएससी द्वारा नियुक्त शिक्षक या योग्यता परीक्षा पास नियोजित शिक्षक और पुराने वेतनमान वाले शिक्षक जो लम्बे वक्त से अपने तबादला करवाने के लिए प्रयासरत थे, उनके लिए एक खुशखबरी है। बिहार सरकार ने ऐसे शिक्षकों के लिए राज्य में नई तबादला नीति लागू कर दी है। यह तबादला नीति सिर्फ़ बीपीएससी और पुराने वेतनमान शिक्षकों के लिए ही प्रभावी है, स्थानीय निकायों से नियुक्त शिक्षक इस नीति का लाभ नहीं ले पाएंगे।
नई नीति के तहत पति-पत्नी एक ही स्कूल में कार्य कर पायेंगे
बीपीएससी से नियुक्त शिक्षकों, सक्षमता परीक्षा पास करने वाले और पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों के लिए नई तबादला नीति में कई प्रकार की छूट प्रदान की गई है, नई तबादला नीति में उक्त शिक्षकों को सेवा के दौरान जो पति-पत्नी है, वह एक ही स्कूल में पदस्थापना पा सकेंगे। इसके लिए जल्द ही राज्य सरकार ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू करेंगी और इसके लिए दिसंबर से ट्रांसफर-पोस्टिंग शुरू हो जाएगी।
हर पांच वर्ष में एक बार स्थांतरण अनिवार्य
तबादले में गंभीर बीमारी से ग्रस्त और दिव्यांग शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। स्थान्तरण के दौरान सबसे पहले उन्हें उनके चुने हुए पंचायत, नगर निकाय, अनुमंडल में पदस्थापित किया जाएगा। उसके बाद विधवा, तलाकशुदा महिला और शिक्षिका के पति की पदस्थापना के आधार पर शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी। उक्त पदस्थापना का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा। 5 साल के बाद उनका फिर से तबादला किया जाएगा। हालांकि, दिव्यांग या बीमार शिक्षकों की समस्या को देखते हुए उनका तबादला 5 साल से पहले भी किया जा सकता है।
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गौरतलब हो, ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए जो भी शिक्षक अपनी गंभीर बीमारी से ग्रस्त और दिव्यांग कैटेगरी में स्थानांतरण करवाना चाहते है। उनके लिए नई नियमावली में यह महत्वपूर्ण रखा गया है कि दिव्यांग शिक्षकों के लिए सिविल सर्जन कार्यालय से दिया गया प्रमाण पत्र होना अनिवार्य होगा। वहीं गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों को मान्यता प्राप्त हॉस्पिटल से हो रहे (New transfer policy for Bihar teachers) इलाज से संबंधित कागजात प्रस्तुत करना पड़ेगा।