Diamonds worth crores found in the house of retired IAS: ईडी ने दिल्ली, मेरठ, नोएडा और चंडीगढ़ सहित देश के आधे दर्जन से अधिक शहरों में संदिग्धों के घर छापा मार कार्यवाई की है, इस दौरान नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ के घर में कुबेर का धन देकर ईडी के लोगों का सर ही चकरा गया। जी हां! सर चकरा गया चुंकि नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ के घर में कुबेर का काला धन प्राप्त हुआ है। जिसमें करोड़ो रूपए के डायमंड भी शामिल हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने देश के कई शहरों में रेड (ED Raid) की कार्रवाई लोटस 300 हाउसिंग प्रोजेक्ट में घोटाले को लेकर की है, जिसमें से एक घर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित निवास में भी की गई है, इस दौरान रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के घर में से ईडी के अधिकारियों को करीब एक करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये की डायमंड ज्वेलरी, सात करोड़ रुपये कीमत के सोने के जेवरात और केस से जुड़े दस्तावेज बरामद हुए हैं।
लोटस 300 हाउसिंग प्रोजेक्ट में हाल में हुआ मामला दर्ज
लोटस 300 प्रोजेक्ट 300 करोड़ रुपये का घोटाला था। इस मामले में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही है। दरअसल होसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को लोटस 300 परियोजना को विकसित करने के लिए नोएडा के सेक्टर 107 में जमीन दी गई थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने घोर लापरवाही के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण को भी फटकार लगाई थी।
वर्ष 2018 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नोएडा के सेक्टर 107 में लोटस 300 प्रोजेक्ट के मामले में रियल एस्टेट कंपनी 3C के तीन डायरेक्टर निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह और विदुर भारद्वाज को गिरफ्तार किया था। यह मामला एक बड़े वित्तीय अनियमिता के तौर में सामने आया था, चुंकि लोटस हाउसिंग में घर खरीदने वाले लोगों ने एक अनामी कंपनी में पैसे डलवाने की शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसका कंस्ट्रक्शन से कोई लेना देना नहीं था।
न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!
गौरतलब हो, रिटायर्ड आईएएस और नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के ऊपर आम्रपाली और सुपरटेक सहित कई बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों की मदद करने का आरोप है। आरोप है कि मोहिंदर सिंह की सहायता से डेवलपर्स ने जमीन को औने-पौने दामों पर खरीद लिया, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ था, इसके लिए संभवत उन्हें भी (Diamonds worth crores found in the house of retired IAS) आर्थिक लाभ प्राप्त हुआ हो!