Nuclear power plant built in moon: अमेरिका के धुरविरोधी दो देशों ने चांद में न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने का फैसला लिया है, जिसके बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की भौहें चढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस के चन्द्रमा में न्यूक्लियर पावर प्लांट की योजना में चीन उसका सहयोग करेगा वही इसमें रूस और चीन का साथ भारत भी देगा। आपकों बता दे, रूस के साथ भारत के रिश्ते जितने मधुर है, वही चीन के साथ भारत की तनातनी जगजाहिर है।
उक्त दावा हाल में ही यूरोएशियन टाइम्स की रिपोर्ट में रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी टास (Tass) के हवाला देकर प्रकाशित हुई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन, रूस के साथ मिलकर चांद पर न्यूक्लियर पावर प्लांट लगा (Nuclear power plant built in moon) सकते हैं।
रूस के राज्य परमाणु निगम रोसाटॉम के नेतृत्व में मिशन
चंद्रमा में बिजली बनाने के लिए न्यूक्लियर पावर प्लांट की योजना रूस के राज्य परमाणु निगम के नेतृत्व में होगी, जिसमें दो धुर विरोधी पड़ोसी देश भारत और चीन एक साथ मिलकर काम करेंगे। यूरोएशियन टाइम्स की रिपोर्ट में उक्त जानकारी Tass के हवाले से रोसाटॉम (Rosatom) के चीफ एलेक्सी लिखाचेव के एक बयान के आधार पर दी है।
एलेक्सी लिखाचेव ने उक्त बयान व्लादिवोस्तोक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के कार्यक्रम में दिया था। जहां उन्होंने कहा, “हमारे चीनी और भारतीय साझेदार इस प्रोजेक्ट में बहुत रुचि रख रहे हैं”। आपकों बता दे, रोसाटॉम रूस की सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी है, जिसके भारत के साथ भी संबंध हैं।
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गौरतलब हो, रूस के यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद पश्चिमी देशों में उसका बहिष्कार किया हुआ है, परंतु ऐसा प्रतीत होता कम ही नज़र आया है कि रूस का इसमें कोई ख़ास प्रभाव पड़ा है। 2024 में रूस ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अलग होने (Russia To Quit International Space Station) का फैसला लिया था साथ ही घोषणा कि वह खुद का अंतरिक्ष में स्टेशन का निर्माण शुरू करेगा।