GST notice sent to payment companies: केंद्र सरकार के जीएसटी विभाग ने बिलडेस्क (BillDesk) और सीसीएवेन्यू (CCAvenue) जैसे बड़े पेमेंट एग्रीगेटर्स को माल और सेवा कर (GST) के तहत कारण बताओं और डिमांड नोटिस जारी किया है। जिसमें उक्त पेमेंट एग्रीगेट कंपनियों से ₹2000 के नीचे के ट्रांजेक्शन के सभी लेनदेन के लिए 18% GST की मांग की गई है, यह मांग एग्रीगेट कंपनियों से 2018 से लेकर अब तक यानी 2024 तक के ₹2000 से नीचे के ट्रांजेक्शन के लिए की गई हैं।
ईटी की एक रिपोर्ट में दावा
जीएसटी विभाग द्वारा एग्रीगेटर्स को डिमांड नोटिस भेज जानें संबंधित खबर ईटी (इकोनॉमिक्स टाइम्स)की एक रिपोर्ट में की गई है।आपको बता दे, भारत में कुल डिजिटल पेमेंट में से 80% से ज्यादा की कीमत 2,000 रुपये से कम है। 2016 में नोटबंदी के दौरान जारी एक नोटिफिकेशन के बाद, पेमेंट एग्रीगेटर ऐसे ट्रांसजैक्शन पर मर्चेंट्स को दी गई सर्विस पर टैक्स नहीं लग रहा था।
लेकिन अब जीएसटी विभाग वित्त वर्ष 2017-18 से टैक्स डिमांड कर रहे हैं, जब GST सिस्टम शुरू हुआ था। यह एक बात साफ़ कर दे, उक्त विवाद डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग के जरिए किए गए लेन-देन पर है। UPI और रुपए कार्ड के भुगतान इसमें शामिल नही हैं।
यदि छोटे लेनदेन में जीएसटी लागू होती है तो क्या?
GST काउंसिल अगले हफ्ते अपनी मीटिंग के बाद ऐसे लेनदेन पर टैक्स लगाने के बारे में स्पष्टीकरण करने वाली है। यदि जीएसटी लागू होती है, तो एग्रीगेटर्स कम्पनियों को अब तक के पिछ्ले अरबों रुपए के लेनदेन के लिए कुछ 100 करोड़ के आसपास जीएसटी पास से चुकानी पड़ सकती हैं। बड़ी एग्रीगेटर्स कंपनियों में रेजरपे, पेटीएम व गूगलपे पेमेंट, बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू शामिल हैं।
आगे भी यदि 18% जीएसटी छोटे – छोटे लेनदेन में लगता है तो इसका सीधा नुकसान आम लोगों को यह हो सकता है, दुकानदार छोटी राशि के भुगतान ऑनलाइन लेना बंद कर दे।
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यह साफ़ कर दे कि सरकार पूरी राशि में जीएसटी चार्ज नहीं करती वह सिर्फ़ एग्रीगेटर्स कम्पनियों द्वारा लिए जानें वाले डिजीटल भुगतान जो कि 0.5 से 2% के बीच होता है उस कुल अमाउंट का 18% जीएसटी के रूप में लेती है। एग्रीगेटर्स कंपनी अपने मुनाफे में जीएसटी राशि का बोझ मर्चेंट से निकलाने की कोशिश करेगा तो वही ऐसी स्थिति में मर्चेंट (छोटा दुकानदार) कम भुगतान को डिजीटल पेमेंट के ज़रिए लेना बंद कर (GST notice sent to payment companies) दे।