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इंश्योरेंस-टेक स्टार्टअप Kenko Health हुआ बंद, निवेशक ने किया NCLT का रुख – रिपोर्ट

इंश्योरेंस-टेक स्टार्टअप Kenko Health हुआ बंद, निवेशक ने किया NCLT का रुख – रिपोर्ट

  • इंश्योरटेक स्टार्टअप Kenko Health ने संचालन बंद कर दिया है।
  • कंपनी ने कथित रूप से पैसों की कमी के चलते यह कदम उठाया है।
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Kenko Health Shuts Down, Investors Approaches NCLT: इंश्योरेंस-टेक स्टार्टअप Kenko Health द्वारा संचालन बंद किए जाने की खबर बीतें कुछ समय से सुर्ख़ियो में है। जानकारी के अनुसार, कंपनी के सह-संस्थापक अनिरुद्ध सेन ने एक ईमेल के माध्यम से कर्मचारियों को इस बारे में सूचित किया। वजह बताई गई कि कंपनी के पास अब संचालन के लिए पैसा ही नहीं बचा है। इसके साथ ही कंपनी पिछले कई समय से कोई फंडिंग भी हासिल नहीं कर सकी है।

जी हाँ! इकोनॉमिक टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी सामने आई हैं। लेकिन दिलचस्प यह है कि रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के निवेशकों (कुछ डेब्ट फंड) ने अब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख़ किया है।

Kenko Health Shuts Down

असल में मामला एक डेब्ट फंड से जुड़ा बताया जा रहा है, जिससे कंपनी को एक बड़ा लोन मिला था और अब यही एक विवाद का कारण बन गया है। आपको बता दें, Kenko Health के निवेशक पोर्टफ़ोलियो में Peak XV Partners (पहले का नाम Sequoia Capital India) और Orios Venture Partners जैसे दिग्गज नाम भी शामिल रहे हैं।

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वैसे Kenko Health के कर्मचारियों की स्थिति भी सही नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया गया है। पिछले साल कंपनी ने 50-60 कर्मचारियों, जो उसके कुल कार्यबल का 20% थे, को नौकरी से निकाल दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, ईटी को एक कर्मचारी ने बताया की उसे कथित तौर पर पिछले चार से पांच महीनों से वेतन नहीं मिला है और अभी तक स्थिति भी स्पष्ट नहीं की गई है।

वैसे इस मामले में अनिरुद्ध सेन ने कर्मचारियों के प्रति अपनी स्थिति को स्पष्ट करते हुए अपने ईमेल में लिखा कि कंपनी को उम्मीद थी कि जल्दी ही कोई समाधान निकल आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए वे कर्मचारी को तुरंत सूचना देने में असमर्थ रहे। उनका मानना था कि यदि कोई डील सफल हो जाती, तो वे कर्मचारियों की चिंताओं को बेहतर तरीके से हल कर पाते।

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Kenko के बारे में

बता दें, Kenko Health की स्थापना 2019 में हुई थी और यह एक तेजी से उभरती हुई इंश्योरटेक कंपनी थी। कंपनी ने स्वास्थ्य बीमा के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, लेकिन भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) द्वारा वेंचर-फंडेड इंश्योरटेक स्टार्टअप्स पर बढ़ाई गई सख्ती के कारण कंपनी को नए निवेश की जरूरत पड़ी। कंपनी के पास नए निवेशकों से धन जुटाने के लिए पर्याप्त समय नहीं था, जिससे उसकी समस्याएँ और बढ़ गईं।

बात हिस्सेदारी की करें तो साल 2024 की शुरुआत में इसके संस्थापकों – अनिरुद्ध सेन और धीरज गोयल के पास कंपनी में 36% से अधिक की हिस्सेदारी थी। वहीं रिपोर्ट बताती है कि Peak XV (23%), Beenext (11%), और Orios (8%) की हिस्सेदारी थी। हालांकि, अब कंपनी के भविष्य और NCLT में इस मामले के कारण निवेशकों की चिंताएँ बढ़ गई हैं।

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