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‘जय फिलीस्तीन’ बोलने से खत्म हो जाएगी ओवैसी की संसद सदस्यता? राष्ट्रपति के पास पहुँचा मामला

‘जय फिलीस्तीन’ बोलने से खत्म हो जाएगी ओवैसी की संसद सदस्यता? राष्ट्रपति के पास पहुँचा मामला

  • हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति के पास शिकायत दर्ज.
  • संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दायर.v

Owaisi slogan in support of Palestine controversy: संसद में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हैदराबाद से निर्वाचित सांसद असदुद्दीन ओवैसी के द्वारा फिलिस्तीन के समर्थन में नारा लगाना एक बड़ा विवादित मुद्दा बनते जा रहा है, जहा असदुद्दीन ओवैसी ने अपने नारे को लेकर सदन के बाहर आकर नारे लगाने की घटना में सताए हुए लोगों के समर्थन में लगाया हुआ नारा बताया तो वही उनके इस कृत्य को संसद में शपथ के दौरान एक सदस्य के तौर में दूसरे देश की प्रशंसा में नारे लगाना गैर संवैधानिक कार्य बताकर आलोचना की जा रही है।

अब इस बीच उनकी सांसद के तौर में संसद से सदस्यता जानें की बात भी कही जा रही है, दरअसल हैदराबाद के सांसद के कथित नारे को लेकर राष्ट्रपति के पास शिकायत दर्ज की गई है।

मिली जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन के पिता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने हैदराबाद के सांसद के खिलाफ राष्ट्रपति के पास यह शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत की जानकारी स्वयं उनके पुत्र और अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मंगलवार देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा,

“श्री हरि शंकर जैन ने असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत राष्ट्रपति के समक्ष शिकायत दायर की है, जिसमें उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।”

क्या है अनुच्छेद 102 और 103?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 में संसद के सदस्य की शिकायत की जा सकती है, जिसमें संसद के सदस्य की सदस्यता को छीने जाने के प्रावधान है, यदि वह भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर हो, या उसे अदालत द्वारा दिमागी रूप से अक्षम घोषित किया गया हो, या दिवालिया घोषित किया गया हो, या भारत का नागरिक न हो अथवा भारत के साथ किसी दूसरे देश की नागरिकता स्वीकार करता है, या उसे संसद द्वारा पारित किसी कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया हो।

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इसमें 103 भारत के राष्ट्रपति को यह शक्ति प्रदान करता है, कि यदि किसी संसद के सदस्य के खिलाफ मिली शिकायत उचित पाई जाती है तो वह संबंधित सांसद की योग्यता पर फैसला लें। हालांकि कोई भी फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग से परामर्श करना जरूरी है।

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गौरतलब हो, हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संसद में शपथ ग्रहण के दौरान ओवैसी ने अपने राज्य तेलंगाना और बीआर अंबेडकर का नारा (Owaisi slogan in support of Palestine controversy) लगाने के अलावा ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा भी लगाया, जिससे सत्ता पक्ष में हंगामा शुरू हो गया।

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