Life imprisonment to former BrahMos engineer: ब्रह्मोस (BrahMos) के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल (Nishant Agrawal) को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए भारत के खिलाफ़ जासूसी करने के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाया गया है।इंजीनियर निशांत अग्रवाल को आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में 2018 में गिरफ्तार किया गया था, ब्रह्मोस (BrahMos) एरोस्पेस के साथ इंजीनियर निशांत अग्रवाल ने चार सालों तक काम किया था।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के साथ फेसबुक में बात
इंजीनियर निशांत अग्रवाल के ऊपर फेसबुक के जरिए नेहा शर्मा और पूजा रंजन के साथ बात करने का आरोप लगा था, यह फेसबुक अकाउंट को पाकिस्तानी खुफिया एजेंट द्वारा संचालित किया जाता है। कई प्रकार के सबूतों के चलते निशांत अग्रवाल को गिरफ़्तार किया गया था।
नागपुर जिला कोर्ट ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में इंजीनियर निशांत अग्रवाल उम्रकैद की सजा सुनाई है। नागपुर जिला कोर्ट ने ने इंजीनियर को ऑफिशियल सीक्रेट ऐक्ट की धारा 3 और 5 के तहत दोषी पाया है। निशांत अग्रवाल को आईएसआई को परियोजनाओं के बारे में गोपनीय जानकारी देने के आरोप में यूपी व महाराष्ट्र एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस द्वारा अक्टूबर 2018 (Life imprisonment to former BrahMos engineer) में नागपुर के पास से गिरफ्तार किया गया था।
सजा सुनाते हुए कोर्ट ने क्या टिप्पणी की?
मामले की सुनवाई करते हुए नागपुर जिला कोर्ट के अडिशनल सेशन्स कोर्ट जज एमवी देशपांडे ने इस मामले में आदेश देते हुए कहा कि अग्रवाल को क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के सेक्शन 235 के तहत सजा दी गई है, उसका अपराध सेक्शन आईटी एक्ट के सेक्शन 66 (एफ) और ऑफिशल सीक्रेट्स एक्ट (ओएसए) के तहत अपराधिक है।
वही इस मामले को लेकर पब्लिक प्रोसीक्यूटर ज्योति वजानी ने कहा कि कोर्ट ने अग्रवाल को आजावीन कारावास के साथ साथ 14 साल का कठोर कारावास की सजा ऑफिशल सीक्रेट एक्ट के तहत दी है और उस पर 3 हजार रुपये का फाइन लगाया है।
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गौरतलब हो, निशांत अग्रवाल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा युवा वैज्ञानिक पुरस्कार के विजेता थे और इस प्रकार से उनका नाम जासूसी के आने के बाद और इस तरह की गतिविधि में उनकी भागीदारी ने उनके सहकर्मियों को चौंका दिया था।