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बेंगलुरु एयरपोर्ट ने वापस लिया ‘एंट्री फीस’ लगाने का फैसला, कैब ड्राइवर्स और यात्रियों ने किया था विरोध

बेंगलुरु एयरपोर्ट ने वापस लिया ‘एंट्री फीस’ लगाने का फैसला, कैब ड्राइवर्स और यात्रियों ने किया था विरोध

  • एयरपोर्ट ने आगमन और प्रस्थान के लिए अब नहीं देनी होगी एंट्री फीस
  • आदेश के ख़िलाफ कड़े विरोध के बाद प्रबंधन ने वापस लिया अपना फैसला
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Bengaluru Airport suspends vehicle entry fee: बेंगलुरु स्थित केम्पेगौड़ा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के भीतर पिक-अप लेन से दोस्तों, रिश्तेदारों या परिचितों को लेने जाने पर अब आपको कोई पैसे नहीं देने होंगे। असल में सामने आ रही जानकारी के अनुसार, इस बेंगलुरु एयरपोर्ट का प्रबंधन करने वाली बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) ने टर्मिनल 1 और 2 दोनों पर पिक-अप लेन तक पहुंचने के लिए प्रवेश शुल्क लगाने वाले अपने आदेश को कुछ ही घंटों बाद वापस ले लिया है।

जी हाँ! असल में यात्रियों व तमाम लोगों द्वारा विरोध के बाद यह कदम उठाया गया है। मनीकंट्रोल की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु एयरपोर्ट के इस फैसले का कैब ड्राइवर्स और यात्रियों द्वारा भी जमकर विरोध किया गया, इसको देखते हुए अब एंट्री फीस लगाने वाले आदेश को फिलहाल के लिए निलंबित कर दिया गया है।

Bengaluru Airport suspends vehicle entry fee:

असल में पूर्व आदेश के अनुसार, Ola और Uber जैसे कैब एग्रीगेटर्स द्वारा संचालित वाहनों समेत कॉमर्शियल वाहनों पर 7 मिनट तक के लिए ₹150 और समय-सीमा की समाप्ति पर ₹300 तक का शुल्क लगाने का आदेश दिया गया था।

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वैसे बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की ओर से जारी इस आदेश में निजी वाहनों के लिए भी अलग प्रक्रिया अपनाई गई थी। इसके तहत निजी वाहनों को पहले 7 मिनट तक के लिए कोई भुगतान नहीं करना होगा, लेकिन इसके बाद, अगले 7 मिनटों के लिए उन्हें ₹150 की एंट्री फीस देनी होगी।

बता दें ये एंट्री फीस टर्मिनल-1 और टर्मिनल-2 पर आगमन और प्रस्थान दोनों के लिए लागू की गई थी। इन नियमों से बसों से ₹600 जबकि टेम्पो या ट्रैवलर से ₹300 फीस लिए जाने की बात कही गई थी।

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साथ ही इस आदेश में यह भी था कि अगर जो वाहन लावारिस तौर पर 15 मिनट से अधिक समय तक पिक-अप क्षेत्र में रहते हैं, उन्हें वाहन मालिक के खर्च पर ही पुलिस स्टेशन तक टो किया जाएगा।

वहीं इस नोटिस के मुताबिक, सफेद रजिस्ट्रेशन प्लेट वाले वाहनों को ‘निजी वाहनों’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जबकि पीली रजिस्ट्रेशन प्लेट, सेल्फ-ड्राइव पीली प्लेट और ईवी कमर्शियल वाहनों को ‘कमर्शियल वाहन’ के रूप में वर्गीकृत किया गया।

जाहिर है इन नए नियमों का सबसे अधिक असर बार-बार यात्रा करने वाले यात्रियों और कैब ऑपरेटरों पर पड़ता। और देखा जाए तो अंतिम रूप से इस एंट्री फीस का अतिरिक्त बोझ भी यात्रियों को ही वहन करना पड़ता। इससे एयरपोर्ट में आने-जाने की कुल लागत बढ़ जाती। ​वैसे एयरपोर्ट संचालकों का कहाँ है कि लेन में ट्रैफिक की सुचारु व्यवस्था को सुनिश्चित करने के मकसद के साथ ही यह ‘पे-एंड-यूज’ सिस्टम लागू किया गया था।

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