Russian army will wear shoes made in Bihar: बिहार में बने जुत्तो की अंतराष्ट्रीय धमक ने बिहार सहित पूरे देश के लिए गर्व करने की वजह दी हैं। बिहार के हाजीपुर की जूता बनाने वाली फैक्ट्री के जूते रूस की सेना द्वारा इस्तेमाल कर रहे है कम्पनी का दावा है जूते की यह वैरायटी जल्द यूरोप और दुनिया के अन्य हिस्सों सहित घेरलू मार्किट में भी धूम मचाएंगी।
आपकों बता दे, बिहार का हाजीपुर पटना के बाद राज्य का दूसरा सबसे तेजी से विकसित होने वाला शहर है, यह कई प्रकार की कंपनिया और फेक्ट्रिया ऐसे उत्पादों को तैयार कर रही है जो घरेलू मार्किट के साथ साथ अंतराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
हाजीपुर की ऐसी ही एक कंपनी कंपीटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (Competence Exports Private Limited), रूसी सेना के लिए जूते बना रही है। रूसी सेना के लिए कंपनी के द्वारा जूते बनाना कंपनी की काबिलियत बयां कर रही है।
महिलाओं की हिस्सेदारी 70%
मैनेजर शिब कुमार रॉय के अनुसार जूते बनाने के कार्य में जुटी कंपनी में 300 से अधिक कर्मचारी कार्य कर रहे है, इन कर्मचारियों में 70% से अधिक महिला कर्मचारी काम कर रही है। उनका मानना है जूते बनाने के इस काम में महिलाएं भी अन्य पुरुष कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है, कंपनी में महिला कर्मचारियों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है।
कंपनी के 15 लाख जूते निर्यात
कंपनी के मैनेजर के अनुसार 2018 में कंपनी की शुरुआत की गई थी, जिसका मकसद स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना था, कंपनी में सेफ्टी जूते का निर्माण किया जाता है, जिसका निर्यात रूस जैसे देश में किया जा रहा है, इसके (Russian army will wear shoes made in Bihar) प्रसार और उपयोग के मार्किट को बढ़ाने के लिए हम यूरोप और घरेलू मार्किट की ओर भी देख रहे है। पिछले साल कंपनी ने 15 लाख जूते का निर्यात किया था, जिसकी मार्किट प्राइस ₹100 करोड़ तक आंकी गई थी, कंपनी इसका विस्तार करते हुए अगले साल के लक्ष्य के तौर पर 50% और बढ़ाने में काम कर रही है।
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रूस में हल्के जूते की डिमांड
रूसी सेना के लिए जूते की डिमांड के बारे में बात करते हुए, रॉय ने कहा, उनकी डिमांड हैं कि जूते हल्के हो, ऐसे हो जो फिसलने वाले न हो और -40 डिग्री सेल्सियस जैसे ठंडे मौसम की स्थिति का सामना कर सकें. रॉय ने कहा हम इन चीजों को ध्यान में रखते हुए जूते बनाते हैं।