संपादक, न्यूज़NORTH
Manoj Jarange Again Starts Maratha Reservation Protest?: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू हो सकता है। इसका ऐलान खुद मनोज जरांगे ने किया है। दिलचस्प यह है कि 4 जून को ही आम चुनाव 2024 के नतीजे आएँगे। ऐसे में उसी दिन मराठा आरक्षण आंदोलन को फिर से शूर किए जाने की घोषणा के साथ मनोज जरांगे ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है।
हाल के दिनों में मराठा आरक्षण आंदोलन में भुख हड़ताल व भारी जनसमर्थन के चलते सूर्खियों में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे का कहना है कि सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले के लिए मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने की मांग के साथ 8 जून को एक रैली भी आयोजित की जाएगी।
Manoj Jarange & Maratha Reservation Movement
असल में मनोज जरांगे ने 14 मई को छत्रपति संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी महाराज की एक प्रतिमा का माल्यार्पण किया। इसी दौरान मीडिया कर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने यह जानकारियाँ साझा की। उन्होंने कहा कि,
“हम अपने बच्चों के लिए आरक्षण चाहते हैं। हमें आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (EWS) के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, लेकिन इसका कोई लाभ मिलता दिखाई नहीं पड़ रहा है। इसका उदाहरण हमनें पुलिस भर्ती परीक्षा में भी देख लिया।”
“ऐसे में अब हम 4 जून को सुबह 9 बजे से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के साथ आंदोलन दोबारा शुरू करेंगे। पिछली बार की तरह इस बार भी आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से होगा। इसके साथ ही 8 जून को बीड जिले के नारायणगढ़ में एक रैली आयोजित की जाएगी, जिसको लेकर जोर-शोर से तैयारी शुरू हो चुकी हैं।”
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इस बीच मनोज जरांगे ने यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ भाजपा नेता व महाराष्ट्र के वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत चंद्रकांत पाटिल आदि मराठों से नफरत करते हैं। जरांगे से फडणवीस को यह नफरत छोड़ने की अपील भी की। जरांगे के मुताबिक, वह कभी भी भाजपा के खिलाफ नहीं थे।
लेकिन इस बीच मनोज जरांगे ने एक और बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने मराठों के रिश्तेदारों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र नहीं दिया तो वह विधानसभा चुनावों में मैदान में होंगे। बता दें मनोज जरांगे पिछले साल से ही महाराष्ट्र में व्यापक रूप से उठे मराठा आरक्षण आंदोलन की अगुवाई करते दिखाई पड़े हैं।
वहीं मौजूदा लोकसभा चुनावों को लेकर भी मनोज जरांगे ने अपनी बातें रखीं, उन्होंने कहा कि वह इसमें शमिल नहीं हैं और ना ही उन्होंने किसी का प्रचार किया है। हालंकि जरांगे यह ज़रूर कहा कि उन्होंने उन लोगों को हराने की अपील की थी जो मराठाओं के ख़िलाफ़ हैं।