संपादक, न्यूज़NORTH
Hindu Population Decreased In India?: भारत की आबादी को लेकर अब कुछ चौंकाने वाले आँकड़े सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि भारत में हिंदुओं की आबादी घट गई है, जबकि वहीं मुस्लिमों की जनसंख्या में हिस्सेदारी बढ़ी है। यह आँकड़े प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के तहत सामने आए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1950 से लेकर 2015 तक हिंदुओं की आबादी में 7.8 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि समान अवधि के दौरान मुस्लिमों की आबादी बढ़ी है। अध्ययन के अनुसार, 1950 में देश की कुल आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 9.84 प्रतिशत तक थी, जो साल 2015 तक बढ़कर 14.09 प्रतिशत तक हो गई।
Hindu Population Decreased In India
प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी इस रिपोर्ट को तैयार करने के दौरान दुनिया भर के 167 देशों के रुझानों का भी अध्ययन किया। इसमें यह पाया गया कि भारत के कई पड़ोसी देशों में उनके बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में बढ़ोतरी हुई है।
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हालाँकि बहुसंख्यकों की आबादी में गिरावट का ये ट्रेंड भारत के साथ नेपाल और म्यांमार में भी दर्ज किया गया है। लेकिन इसी अवधि के दौरान लगभग 38 इस्लामिक देशों में मु्स्लिमों की आबादी में बढ़ोतरी होने की बात भी सामने आई है।
प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद (इकोनॉमिक एडवायजरी काउंसिल) की इस नई रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में साल 1950 से 2015 के बीच हिंदुओं की आबादी में 7.82% तक की कमी दर्ज की गई है। इस दौरान देश में मुस्लिमों की आबादी में 43.15% की बढ़ोतरी हुई है।
असल में साल 1950 में देश की कुल आबादी में हिंदूओं की कुल जनसंख्या 84.68% तक थी। लेकिन साल 2015 में हिंदुओं की हिस्सेदारी 78.06% तक हो गई है। ऐसे में हिंदुओं की आबादी में इसे 7.82% की गिरावट की तरह दर्शाया जा रहा है।
वहीं देश में अल्पसंख्यक समुदाय की बात करें तो साल 1950 में मुस्लिमों की कुल जनसंख्या हिस्सेदारी 9.84% थी, ये साल 2015 में बढ़कर 14.09% हो गई है। 1950-2015 के बीच मुस्लिमों की आबादी में 43.15 फीसदी का बढ़ोतरी देखनें को मिली है।
वहीं प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की इस रिपोर्ट में भारत में अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को लेकर भी आँकड़े पेश किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत में मुस्लिम समुदाय के साथ ही साथ सिखों और ईसाई धर्म की आबादी में भी इज़ाफ़ा हुआ है। आँकड़ों के लिहाज से देखें तो देश में सिखों की आबादी लगभग 6.58% तक बढ़ी है, जबकि ईसाई जनसंख्या में 5.38% की बढ़ोतरी हुई है।
पर गौर करने वाली बात ये भी है कि भारत के भीतर समान अवधि यानी 1950 से 2015 के दौरान पारसी और जैन धर्म के लोगों की जनसंख्या में भी कमी दर्ज की है है। भारत के पड़ोसी देशों के आँकड़ों को देखें तो पाकिस्तान में 1950 के दौरान कुल मुस्लिम जनसंख्या की हिस्सेदारी 77.45% तक थी, जो अब बढ़कर 80.36% हो गई है। वहीं बांग्लादेश में यही आँकड़ा 74.24% से बढ़कर 88.02 हो गया है।