Now Reading
‘भारतीयों के बिना नहीं चल सकती अमेरिकी टेक इंडस्ट्री’: सीईओ, SVC चैंबर ऑफ कॉमर्स

‘भारतीयों के बिना नहीं चल सकती अमेरिकी टेक इंडस्ट्री’: सीईओ, SVC चैंबर ऑफ कॉमर्स

  • भारतीयों के बिना नहीं चल सकती अमेरिकी टेक इंडस्ट्री?
  • जानें SVC चैंबर ऑफ कॉमर्स की सीईओ ने क्या कहा?
us-blinken-criticize-india-on-religion-freedom-report-2023

American Tech Industry + Indians: हम सभी जानते हैं कि आज के समय बड़ी-बड़ी अमेरिकी टेक कंपनियों का नेतृत्व भारतीय मूल के लोगों के हाथों में है। एक तरह से कहें तो अमेरिकी टेक जगत में भारतीयों का डंका बज रहा है। इस बीच सिलिकॉन वैली सेंट्रल चैंबर आफ कॉमर्स की सीईओ हरबीर के भाटिया का एक अहम बयान सामने आता है।

SVC चैंबर आफ कॉमर्स की सीईओ हरबीर के भाटिया के अनुसार, सिलिकॉन वैली में इनोवेश के मामले में भारतीय अग्रणी है और सबसे अहम योगदानकर्ता में से एक हैं। हरबीर के अनुसार, अमेरिकी टेक इंडस्ट्री भारतीयों के बिना नहीं चल सकती। यह बात हरबीर के भाटिया ने पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कहीं।

American Tech Industry + Indians

हरबीर ने कहा,

“मेरे पास नए आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन जो मायने रखता है वह यह कि हम (भारतीय) इतने प्रभावशाली योगदानकर्ता हैं।”

“सिलिकॉन वैली में इनोवेशन के लिहाज से भारतीय सबसे अहम नेत्रित्व्कर्ताओं में से एक हैं। एक समय पर डेटा इक्कठा किया गया था, जिसके मुताबिक सिलिकॉन वैली के 40% सीईओ या संस्थापक दक्षिण एशिया या भारत से थे। यह बहुत बड़ा आँकड़ा है।”

हरबीर भाटिया ने कहा कि गूगल, यूट्यूब और माइक्रोसाफ्ट जैसी तमाम दिग्गज कंपनियों का नेतृत्व भारतीय कर रहे हैं। वह यह तो इन कंपनियों के शीर्ष पदों पर हैं या फिर सीईओ ही हैं। यह संयोग से नहीं होता है। भारतीय लोग काम के प्रति कड़ी मेहनत और प्रोडक्टिविटी लेकर आते हैं। इतना ही नहीं बल्कि हरबीर ने समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय ‘जुगाड़’ की भी प्रशंसा की।

See Also
Bha Shoe Size

न्यूज़North अब WhatsApp पर, सबसे तेज अपडेट्स पानें के लिए अभी जुड़ें!

आपको बता दें सिलिकॉन वैली के केंद्र माने जाने वाले सांता क्लारा में स्थित, SVC चैंबर ऑफ कॉमर्स कई शहरों के दूरदर्शी व्यापारिक लीडर्स का एक ग्रुप है, जो सिलिकॉन वैली के भविष्य को आकार देने और इसके विकास में मदद करते हैं। फिलहाल हरबीर के भाटिया इसके सीईओ की जिम्मेदारी निभा रही हैं। उन्होंने आगे कहा:

“अगर आप स्कूल में 98% अंक भी लाते हैं, तो आपके माता-पिता हमेशा आपसे कहेंगे कि 100% अंक क्यों नहीं ला पाए? यह हमारी संस्कृति है। हम ऐसे ही हैं। यह लालसा और आकांक्षा ही हमें अलग करती है।”

©प्रतिलिप्यधिकार (Copyright) 2014-2023 Blue Box Media Private Limited (India). सर्वाधिकार सुरक्षित.