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नेपाल के नए 100 रुपये के नोट पर बवाल, नक्शे में भारत के हिस्सों को अपना बताया?

नेपाल के नए 100 रुपये के नोट पर बवाल, नक्शे में भारत के हिस्सों को अपना बताया?

  • नेपाल छापने जा रहा है 100 रुपये के नए नोट
  • होगा नए नक्शे का इस्तेमाल, विवादित क्षेत्र भी शामिल
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Nepal New Rs 100 Note Map Controversy With India: आगामी दिनों में भारत और पड़ोसी देश नेपाल के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है और इसके पीछे की वजह है नेपाल सरकार द्वारा उठाया जा रहा एक नया कदम। असल में नेपाल ने अपने 100 रुपये के नए नोट पर देश का नया नक्शा छापने का ऐलान किया है। लेकिन कथित तौर पर नेपाल ने इस नए मैप में भारत के कुछ क्षेत्रों को भी अपनाना बताते हुए दर्शाया है।

असल में 100 रुपये के इस नए नोट पर बने नेपाल के नक्शे में विवादित स्थल लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दर्शाया जाएगा। यह वही क्षेत्र हैं, जिनको लेकर पहले ही भारत की ओर से ‘कृत्रिम रूप से विस्तारित क्षेत्र’ करार दिया जा चुका है।

Nepal New Rs 100 Note Map Controversy With India

बताते चलें 100 रुपये के इस नोट पर पुराने नक्शे को हटाकर अब नए नक्शे को छापने का फैसला नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक लिया गया है। इसकी जानकारी नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा दी। रेखा शर्मा नेपाल की सूचना और संचार मंत्री भी हैं।

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रेखा शर्मा ने बताया है कि ‘प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में 100 रुपये के नोट में नेपाल के नए नक्शे को छापने के निर्णय को मंजूरी दी गई है।

नेपाल का नया नक्शा

जैसा हमनें पहले ही बताया नेपाल के इस नए नक्शे में विवादित लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को बतौर इसके अपने भाग के रूप में दर्शाया जाएगा। सामने आ रही जानकारी के अनुसार, इस संबंध में नेपाल के मंत्रिपरिषद यानी कैबिनेट ने 25 अप्रैल और 2 मई को बैठकें की। और 2 मई को हुई बैठक में 100 रुपये के नोट को फिर से डिजाइन करने और करेंसी पर छपे पुराने नक्शे को बदलने की मंजूरी दी गई।

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वैसे यह विवाद अभी से शुरू नहीं हुआ है। इसके पहले साल 2020 में भी नेपाल ने अपने आधिकारिक राजनीतिक नक्शे संबंधित तीनों विवादित क्षेत्रों को शामिल करके दर्शाने का काम किया था। इतना ही नहीं बल्कि इस कदम के लिए नेपाल ने अपने संविधान तक में संशोधन किए थे। नेपाल की संसद में बिल के ख़िलाफ किसी ने वोट नहीं किया था।

तब जानकारों का यह कहना था कि भारत द्वारा साल 2019 में नया पॉलिटिकल मैप जारी करने के जवाब में चीन के इशारों पर साल 2020 में नेपाल की तत्कालीन केपी ओली के नेतृत्व वाली सरकार ने ये नया विवादित नक्शा जारी किया था। इस नए नक्शे को लेकर भारत की ओर से भी कड़ी आपत्ति जताई गई थी।

भारत के 5 राज्यों – सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ लगभग 1800 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करने वाला नेपाल यूँ तो एक शांत पड़ोसी देश के रूप में देखा जाता रहा है। लेकिन नक्शे के विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ भी सकता है।

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